इस्लाम धर्म की मानने वाली महिलाएं अपने शरीर को ढांकने के लिए कपड़ों के ऊपर से एक ख़ास क़िस्म का कपड़ा पहनती हैं जिसे बुर्क़ा या नक़ाब कहा जाता है।
बुधवार को यमन की राजधानी सना में महिलाओं ने ढेर सारे बुर्क़ों को एक साथ जमा किया और फिर उन पर पेट्रोल छिड़क कर उन्हें आग लगा दिया। राष्ट्रपति अब्दुल्लाह सालेह के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में महिलाओं ने अहम भूमिका निभाई है।
यमन की एक महिला कार्यकर्ता तवक्कुल करमान 2011 के नोबेल शांति पुरस्कार की संयुक्त विजेता चुनी गई हैं। तवक्कुल को ये पुरस्कार यमन में महिलाओं के अधिकारों और प्रजातंत्र की बहाली के लिए किए जा रहे संघर्ष में उनके रोल के लिए दिया गया है।
बुर्क़ा जलाकर विरोध प्रदर्शन करने की शुरूआत तब हुई जब एक महिला ने शहर के मुख्य चौराहे पर एक काला कपड़ा फेंक दिया। उसके बाद महिलाओं ने अपने बुर्क़े को उस पर फ़ेक दिए। यमन में उसे मकरामा कहा जाता है।
आग की लपटें उठने लगीं तो महिलाओं ने नारे लगाते हुए कहा, ''यमन की महिलाओं को डाकूओं से कौन बचाता है?'' समाचार एजेंसी एपी के अनुसार महिलाओं ने मदद की गुहार लगाते हुए एक पर्चा भी बांटा।
उस पर्चे पर लिखा था, ''हमलोग पूरी दुनिया के सामने अपने मकरामा को जलाकर तानाशाह सालेह के ज़रिए किए जा रहे ख़ूनी नरसंहार को दिखाना चाहते हैं.''
हिंसक झड़पें
मंगलवार रात को सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच हुए हिंसक झड़पों के बाद बुधवार को महिलाओं ने ऐसा क़दम उठाया। राजधानी सना और दूसरे शहर तायज़ में ख़बरों के मुताबिक़ 20 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं।
मंगलवार को सरकार ने युद्ध विराम की घोषणा की थी और ये भी कहा था कि सरकार विरोधी भी इसके लिए सहमत हो गए हैं लेकिन दोनों गुटों के बीच हो रही हिंसा में कोई कमी नहीं देखी गई।
राष्ट्रपति सालेह की 33 साल पुरानी सत्ता के ख़िलाफ़ पिछले आठ महीनों से प्रदर्शन हो रहें हैं। शुरूआत में ये आंदोलन शांतिपूर्ण था लेकिन धीरे-धीरे सारे आंदोलन ने सालेह के समर्थकों और विभिन्न क़बायली गुटों के बीच लड़ाई का रूप ले लिया।
अंतरराष्ट्रीय जगत ने यमन सरकार के दमनकारी रवैये की काफ़ी आलोचना की है और संयुक्त राष्ट्र ने भी राष्ट्रपति सालेह से सत्ता छोड़ने की अपील की है। लेकिन राष्ट्रपति सालेह का कहना है कि वो अरब देशों की मध्यस्थता से तैयार किए गए समझौते पर दस्तख़त करने के लिए तैयार है जिसके तहत वो सत्ता छोड़ देंगे लेकिन उनके ख़िलाफ़ कोई मुक़दमा नहीं चलेगा।
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