कानपुर (ब्यूरो) शिलान्यास कार्यक्रम की अध्यक्षता आईआईटी के बोर्ड आफ गवर्नर्स के चेयरमैन डा। के राधाकृष्णन ने की। उन्होंने कहा कि गंगवाल स्कूल में बीमारियों व स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए डाक्टर और इंजीनियर मिलकर रिसर्च करेंगे और नए उपकरण विकसित करेंगे। अभी हम 80 परसेंट मेडिकल उपकरणों को इंपोर्ट करते हैं, लेकिन आगे चल कर हम इनका एक्सपोर्ट करेंगे। डायरेक्टर प्रो। अभय करंदीकर ने बताया कि गंगवाल स्कूल में इंजीनियङ्क्षरग के सभी डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स, डाक्टरों के साथ मिलकर रिसर्च करेंगे और देश की स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी तकनीक व जरूरतों को पूरा करेंगे।

सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनेगा
डायरेक्टर ने कहा कि यह संस्थान कई बीमारियों के इलाज के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनेगा। यहां हार्ट से संबंधित बीमारियों को लेकर हृदयंत नाम से आर्टिफिशियल हार्ट विकसित करने पर भी काम चल रहा है। स्कूल के लिए 100 करोड़ रुपये देने वाले इंडिगो एयरलाइंस के को फाउंडर राकेश गंगवाल, अस्पताल के लिए 60 करोड़ देने वाले जेके आर्गेनाइजेशन के वाइस चेयरमैन निधिपति ङ्क्षसहानिया, विनीता चैरिटेबल फाउंडेशन के मुक्तेश पंत, इंडिगो पेंट््स के फाउंडर हेमंत जालान, गौरव शर्मा ने भी अपनी बातें रखी।

मील का पत्थर साबित होगा
यूनियन मिनिस्टर धर्मेद्र प्रधान ने बताया कि स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलाजी देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा। आज देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, ऐसे में आईआईटी की इस पहल ने चार चांद लगा दिए हैं। गंगवाल स्कूल में सस्ते मेडिकल उपकरण व दवाएं आईआईटी के साइंटिस्ट व डॉक्टर्स मिलकर खुद तैयार करेंगे। दो साल बाद भव्य समारोह में स्कूल व अस्पताल का लोकार्पण किया जाएगा।

संसाधनों की कमी नहीं
उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्रालय आईआईटी को संसाधनों की समस्या नहीं आने देगा। यहां के शिक्षकों ने यह दिखा दिया है कि इच्छा शक्ति हो तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता। जो संस्थान समाज और देश की ङ्क्षचता करता है, भगवान उसकी ङ्क्षचता करता है। उन्होंने कहा कि आईआईटी ने कोरोना महामारी के दौर से कई अभूतपूर्व काम किए। सूत्र माडल ने कोरोना वायरस के प्रसार का आंकलन कर स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर कराने में मदद की। कोविन एप बनाया। डिजिटल व साइबर क्षेत्र में भी आयाम स्थापित किए। आईआईटी के प्रो। एस गणेश, प्रो। आशुतोष शर्मा प्रमुख से मौजूद रहे।

सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में क्या क्या-
-8.10 लाख स्क्वॉयर फीट का बिल्डअप एरिया
-650 करोड़ रुपए अनुमानित खर्च निर्माण में
-500 बेड का होगा सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल
-450 बेड का अस्पताल व 50 बेड की कैंसर केयर यूनिट
-1000 बेड कैपेसिटी तक फेस-2 में होगा अस्पताल का एक्सपेंशन
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- अकेडमिक ब्लॉक, हॉस्पिटल, रेजीडेंशल ब्लॉक, हॉस्टल, सर्विस ब्लॉक का होगा निर्माण
- कानपुर की 50 लाख आबादी और आसपास के जिलों के लोगों को मिल सकेगा रियायती दरों पर इलाज

ज्यादातर निर्माण सीएसआर से-
-गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी- राकेश गंगवाल, को फाउंडर इंडिगो एयरलाइंस की ओर से किए गए दान से
-यदुपति सिंहानिया सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिपटल- जेके गु्रप की ओर से सीएसआर के जरिए

एकेडमिक और रेजीडेंशल ब्लॉक- आईबीएम इंडिया प्रा.लि.और आरएसी फाउंडेशन की ओर से किए गए सीआरएस से।

यह हस्तियां रही मौजूद-
राकेश गंगवाल को-फाउंडर इंडिगो एयरलाइंस, मुक्तेश पंत फाउंडर मिक्की एंड विनिता पंत चैरिटेबल फाउंडेशन, हेमंत जालान फाउंडर इंडिगो पेंट्स लि., गौरव शर्मा वाइस प्रेसीडेंट आईबीएम इंडिया प्रा.लि., सुशीला देवी सिंहानिया चेयरपर्सन जेके सीमेंट्स, डॉ.निधिपत सिंहानिया वाइस चेयरमैन जेके सीमेंट्स, डॉ.राघवपत सिंहानिया एमडी जेके सीमेंट्स। गौतम खन्ना, विक्रम मैथ्यू, सौरभ चंद्रा।