'एल बुली' के मालिक और कई ख़िताबों के विजेता शेफ़ फेरान एड्रिया अपने 27 साल के स्वर्णिम सफ़र के अंत में रेस्टोरेंट में काम करने वाले लोगों के परिवार वालों को अपने द्वारा बनाया गया आखिरी भोजन करायेंगे। रोज़ेस शहर में मौजूद इस रेस्टोरेंट ने दुनिया के 50 बेहतरीन रेस्टोरेंटों में रिकॉर्ड पांच बार शीर्ष पर जगह बनाई है।
एड्रिया का कहना है कि 'एल बुली' साल 2014 में पाकशास्त्र के थिंक टैंक के रूप में दुबारा खुलेगा। क़रीब एक महीने पहले उन्होंने कुछ छात्रों से बात करते हुए कहा "एल बुली बंद नहीं हो रहा है। यह अपना स्वरुप बदल रहा है पर इसकी आत्मा वही रहेगी."
ये रेस्टोरेंट मौलिक्युलर गैस्ट्रोनौमी में महारत रखता है और साल में केवल छह महीने के लिए ही खुलता था। इसकी इतनी शोहरत के बावजूद इस रेस्टोरेंट ने कभी मुनाफ़ा नहीं कमाया.
एड्रिया का कहना है कि उनका आखिरी दिन का भोजन उन सभी लोगों को समर्पित होगा जिन्होंने इस जगह को इतनी शोहरत दिलाने में मदद की है।
स्पेन के अखबार के मुताबिक आखिरी मेनू गुप्त रखा जा रहा है। यह रेस्टोरेंट कई कारणों से अलग था। यह जगह दोपहर के खाने के समय बंद रहती थी ताकि इसके कर्मचारी खाने पर प्रयोग कर के नए पकवान इजाद कर सकें। रात के भोजन में भी आम तौर पर तयशुदा 40 छोटे व्यंजन रहते थे जिनकी कीमत क़रीब 250 यूरो रहती थी।
दुनिया भर के क़रीब 800 शेफ़ और रेस्टोरेंट उद्योग के महारथियों ने इस रेस्टोरेंट को पांच बार दुनिया का बेहतरीन रेस्टोरेंट चुना। दुनिया भले ही 'एल बुली' को सबसे अच्छा रेस्टोरेंट मानती है लेकिन खुद एड्रिया ऐसा नहीं मानते। वो कहते हैं "यह दुनिया का बेहतरीन रेस्टोरेंट नहीं है क्योकि वो कहीं भी नहीं है। पर हाँ यह दुनिया के खाने के क्षेत्र में सबसे रसूखदार जगह है खास तौर पर नए नए प्रयोगों के मामले में."
रविवार को 'एल बुली' ने 'एल बुली फ़ाउंडेशन' की स्थापना की जहाँ खाना पकाने की नई तकनीकों और स्वादों पर शोध किया जाएगा."
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