-वर्ल्ड बैंक ने एचबीटीयू व यूपीटीटीआई को दिए 35 फैकल्टी मेंबर्स, हर महीने 70 हजार सैलरी भी देगा
KANPUR: फैकल्टी क्राइसिस से जूझ रहे कानपुर के इंजीनियरिंग संस्थानों के लिए अच्छी खबर है। क्राइसिस को खत्म करने के लिए वर्ल्ड बैंक ने 'कदम' बढ़ाया है। टेक्निकल एजूकेशन क्वॉलिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम के तहत वर्ल्ड बैंक यूपी के चुनिंदा गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में फैकल्टी क्राइसिस को कम करने के लिए कदम उठा रहा है। इसकी शुरुआत कानपुर के प्रॉमिनेंट संस्थान एचबीटीयू और यूपीटीटीआई से हो चुकी है। एचबीटीयू के लिए 29 और यूपीटीटीआई के लिए 6 फैकल्टी मेंबर्स रिक्रूट कर दिए गए हैं जिनकी सैलरी वर्ल्ड बैंक ही देगा। फैकल्टी मिलने का सीधा फायदा स्टूडेंट्स काे मिलेगा।
एचबीटीयू को फायदा
एचबीटीयू के रजिस्ट्रार प्रो। मनोज कुमार शुक्ला ने बताया कि वर्ल्ड बैंक ने इस बार नेशनल प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट(एनआईपीयू) में एचबीटीयू को 29 फैकल्टी मेंबर्स दिए हैं। इनमें कुछ ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। हर फैकल्टी मेंबर को 70 हजार रुपए प्रति महीने सैलरी के रूप में वर्ल्ड बैंक की ओर से दिए जा रहे हैं। 2020 तक वर्ल्ड बैंक की यह सुविधा टेक्निकल एजूकेशन में सपोर्ट देगी। एचबीटीयू में स्वीकृत 131 पोस्ट में 71 पोस्ट खाली हैं। एनआईपीयू के जरिए 29 फैकल्टी मिलने से स्टूडेंट्स को पढ़ाई में काफी फायदा मिलेगा।
यूपीटीटीआई को भी 'राहत'
यूपीटीटीआई की मीडिया कोऑर्डिनेटर डॉ। नीलू कॉम्बो ने बताया कि संस्थान के लिए स्वीकृत 27 पोस्ट में 12 पोस्ट खाली थीं। एनआईपीयू से 6 फैकल्टी मिलने की वजह से यह संख्या 6 हो गई है। वर्ल्ड बैंक के प्रोग्राम के तहत मिली हेल्प से इंग्लिश में सूफिया अजीम, कम्प्यूटर साइंस में सोनी चौरसिया, मैथ्स में चन्द्रशेखर, टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में अख्तारुल इस्लाम, एमएल रेगर, शुभम जोशी ने यूपीटीटीआई में ज्वॉइन किया है। फैकल्टी मेंबर्स बढ़ने से स्टूडेंट्स को सीधा फायदा मिलेगा।