कानपुर (ब्यूरो)। सीएसए और मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री एंड फिशरीज जापान मिलकर चावल, आलू, टमाटर और आम की फसलों पर काम करेंगे। कम मेहनत व लागत में ज्यादा उत्पादन पर फोकस किया जाएगा। इस काम के लिए जापान की मिनिस्ट्री और यूपी गवर्नमेंट का एमओयू हो चुका है। बीते दिनों सीएसए पहुंचे जापानी डेलीगेशन ने सीएसए के अफसरों संग हुई मीटिंग में यूपी की चार मुख्य फसलों पर काम करने की सहमति जताई।
ज्वाइंट वर्किंग कमेटी बनेगी
इन फसलों के लिए चार अलग अलग एरिया में काम किया जाएगा। इस काम से किसानों की इनकम बढ़ाने के साथ साथ फसलों में ऐसे चेंजमेंट लाए जाएंगे, जिससे किसानों का लॉस कम होगा और मेहनत भी कम लगेगी। इस काम के लिए जापानी, यूपी गवर्नमेंट के प्रतिनिधि और सीएसए के अफसरों की ज्वाइंट वर्किंग कमेटी बनेगी जो कि इस प्रोजेक्ट पर काम करेगी।
इन चार एरिया पर होंगे काम
जापानी और सीएसए के साइंटिस्ट मिलकर फसलों की वैरायटी के लिए जेनेटिक इंप्रूवमेंट वैरायटी पर काम करेंगे। इसमें ऐसी वैराइटीज डेवलप की जाएंगी जो कि क्लाइमेंट चेंजमेंट को देखते हुए डेवलप की जाएंगी। इसके अलावा जापान की टेक्नोलॉजी का यूज करके कुछ इस तरह के उपकरण लाए जाएंगे, जिससे किसानों को मेहनत कम लगे और बेनीफिट ज्यादा हो। इसके अलावा प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन को लेकर काम किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर मटर की फली से दाने निकालने वाली मशीन को लाया जाएगा, इससे किसानों की फसल महंगी बिकेगी और पब्लिक को भी बेनीफिट होगा। इसके अलावा पोस्ट हार्वेस्ट लॉस को कम करने के लिए भी काम होगा।
टोमैटो की वैरायटी करेंगे डेवलप
फसलों की वैरायटी डेवलप करने के समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि ऐसी फसल का प्रोडक्शन जो कि जल्दी सड़े नहीं। सबसे पहले टोमैटो की फसल पर काम होगा। इसकी ऐसी वैरायटी डेवलप होगी, जिसमें टोमैटो की ऊपरी परत सख्त होगी। परत सख्त होने के चलते वह देरी से सड़ेगी।
जापानी कंपनियां देगी डेमो
इस काम के लिए जापानी कंपनियां सीएसए कैंपस में आकर डेमो देंगी। वह फार्म में फसलों पर जापानी टेक्नोलॉजी वाली मशीनों का ट्रायल करके दिखाएंगे। इसके बाद एक किसी भी फसल पर सीएसए के साइंटिस्ट मशीन को चलाकर देखेंगे। वह मशीन की टेस्ंिटग करके उसके रिजल्ट का आंकलन करेंगे, उसके बाद मशीन को इंडियन मार्केट में लाया जाएगा।
इन मशीनों की आई डिमांड
सीएसए के साइंटिस्ट और जापानी डेलीगेशन के बीच हुई मीटिंग के बाद कुछ डिमांड सामने आई है। इसमे धान की ट्रांसप्लांटिंग और ड्रोन से छोटा व कम दाम के किसी उपकरण की डिमांड की गई है। इनकी डिमांड का मकसद किसानों की लेबर को कम करना है। सीएसए के साइंटिस्ट इस बात पर भी विचार कर रहे हैैं कि अगर मशीने महंगी होंगी तो उनको आम किसानों तक एफपीओ के जरिए पहुंचाया जाएगा।
जापानी डेलीगेशन के साथ मीटिंग हो गई है। जल्द ही जापानी कंपनियां अपने उपकरणों को सीएसए कैंपस में लेकर आएंगी। हमारा उद्देश्य किसानों की लेबर कम करना, इनकम बढ़ाना और प्रोडक्शन बढ़ाना है। इसके अलावा जापानी टेक्नोलॉजी को खेती में लाकर किसानों को समृद्ध करना भी उद्देश्य में शामिल है।
डॉ। पीके सिंह, डायरेक्टर रिसर्च, सीएसए
---------------
इन प्वाइंट्स पर रहेगा फोकस
-नई वैराइटीज डेवलप की जाएंगी
-कम एरिया में ज्यादा उत्पादन
-लागत और मेहनत में कमी
-आधुनिक संसाधनों का यूज
-फसल को खराब होने से बचाना
-किसान की इनकम को बढ़ाना