- कानपुर में मछरिया निवासी माझिल के कंधों पर थी महिला विंग की जिम्मेदारी, एटीएस की पूछताछ में खुलासा

- कमांडर मिनहाज और सबकमांडर शकील ने मछरिया की माझिल को सौंपी थी महिला विंग की जिम्मेदारी

-आतंकी संगठन के लिए गजवातुल हिंद के लिए समाज की सताई हुई महिलाओं की तलाश करती थी माझिल

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KANPUR : 30 साल पहले तमिलनाडु के श्रीपेरमपुदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को एक चुनावी सभा के दौरान मानव बम से उड़ा दिया गया था। इस धमाके को आतंकी संगठन लिट्टे की महिला आतंकी ने अंजाम दिया था.इसके बाद देश में कई आतंकी वारदातें तो हुई लेकिन कभी मानव बम की वारदात नहीं हुई। लेकिन, बीते दिनों एटीएस के हत्थे चढ़े अलकायदा के आतंकी मिनहाज और मसीरुद्दीन ने इस चर्चा को एक बार फिर जिंदा कर दिया है। दोनों के मददगार रहे शकील ने पूछताछ में बताया कि मिनहाज लिट्टे की तर्ज पर आत्मघाती महिला विंग तैयार कर रहा था। जिसके लिए मिनहाज और शकील कानपुर में रहने के दौरान समाज की ऐसी सताई, पीडि़त और उपेक्षित महिलाओं की तलाश कर रहे थे, जिनमें उनमें जिंदा रहने की इच्छा खत्म हो गई हो। जिसमें वो काफी हद तक कामयाब भी हो गए थे।

माझिल को बनाया था लेडी कमांडर

शकील के मुताबिक मिनहाज ने कानपुर साउथ के मछरिया में रहने वाली अपनी रिश्तेदार माझिल को इस विंग की लेडी कमांडर बनाया था। माझिल के दो निकाह हो चुके हैं और दोनों पतियों से बुरे अनुभव के बाद उसे समाज से नफरत हो गई थी। मिनहाज ने माझिल को जो लिटरेचर पढ़ने को दिया था। उसमें कुख्यात महिला आतंकी हाइट विडो सामंथा ल्यूथवेट, हसना, हयात बोमोदीनी, आईएसआईएस संगठन की पहली फियादीन हमलावर सैली जोन्स और जोएन केसिमर्ड शामिल थीं। ये सभी देश की वे महिला आतंकी हैं जो आत्मघाती दस्ते की लेडी कमांडर थीं।

डीफ एंड डंब मिहलाओं को

गजवातुल हिंद की लेडी विंग में ऐसी महिलाएं भर्ती की जाती थीं जो समझ तो सब सकती थीं लेकिन बोल और सुन नहीं सकती थीं। इनकी ट्रेनिंग के दौरान इन्हें आतंक के इशारे भी समझाए जाते थे। शकील की मानें तो कानपुर, फतेहपुर, इटावा और औरैया की एक साल की खाक छानने के बाद इस विंग के लिए महिलाएं मिली थीं। इनके दिमाग में समाज के प्रति नफरत भरने का काम तो कानपुर में ही किया गया था। इसके बाद सीमा पर छह महीने की ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। शकील के मुताबिक ट्रेनिंग करके नेपाल के रास्ते यूपी में लाई गईं तीन महिलाओं को स्लीपर सेल्स ने कानपुर में रहने का इंतजाम किया था। इन तीनों महिलाओं की कमांडर माझिल से लखनऊ के उसी मकान में मुलाकात कराई गई थी। जहां मिनहाज और उसके परिवार वाले रहते थे।

फ्रूट बम पर कर रहा था काम

एटीएस सूत्रों की मानें तो इन दिनों मिनहाज फ्रूट बम बनाने पर काम कर रहा था। माना जा रहा है कि अगर मिनहाज और मसरुद्दीन पकड़े न जाते तो शायद अब तक अपने इन मंसूबों में कामयाब हो जाते। वहीं इंटेरोगेशन रूम से मिले इनपुट्स के बाद कानपुर में मौजूद एटीएस की टीम अलर्ट हो गई है। मछरिया में माझिल के घर के आसपास जाल बिछा दिया गया है। एटीएस की टीम का अनुमान है कि माझिल अपनी लेडी विंग की तीन महिलाओं के साथ अंडरग्राउंड हो गई है।