कानपुर(ब्यूरो)। हर फील्ड में दबदबा बढऩे के साथ महिलाएं तेजी से आत्मनिर्भर हो रही हैं। बात नौकरी की हो, शिक्षा की या फिर गाड़ी चलाने की। महिलाओं में कार व स्कूटी ड्राइव करने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि बीते छह वर्षो में महिला डीएल होल्डर की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। कोरोना के कारण गिरा ग्र्राफ अब फिर तेजी से बढऩे लगा है। आरटीओ आफिस के आंकड़ों के मुताबिक हर वर्ष लगभग पांच हजार के आसपास महिलाएं ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर रही हैं।
2016 में सिर्फ 30 हजार
आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक 2016 में सिटी में सिर्फ 30 हजार के लगभग ही महिलाओं के पास ड्राइविंग लाइसेंस था। वहीं बीते छह सालों में यह संख्या दोगुनी हो चुकी है। वर्तमान में सिटी में 60 हजार के लगभग महिलाओं के पास टू व फोर व्हीलर के ड्राइविंग लाइसेंस है। कोरोना काल छोडक़र लगभग हर वर्ष पांच हजार के करीब महिलाओं को डीएल जारी किया जा रहा है। जोकि इस वर्ष छह हजार से ऊपर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
85 थर्ड जेंडर को जारी किए गए डीएल
आरटीओ प्रशासन राजेश सिंह ने बताया कि सिटी में 60 हजार के लगभग महिलाओं व 8.72 लाख पुरुषों को डीएल जारी किया गया है। इसके अलावा 85 थर्ड जेंडर को डीएल जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि 2015 से पहले यह आंकडा सिटी में सिर्फ 3 था। इन आठ सालों में थर्ड जेंडर को जारी किए गए डीएल का आंकड़ा 85 हो गया है।
सिटी में डीएल के लिए महिलाओं के अप्लीकेशन की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। बीते छह वर्षो में महिला डीएल होल्डर की संख्या लगभग दोगुनी हो चुकी है।
सुधीर वर्मा, एआरटीओ प्रशासन