कानपुर (ब्यूरो)उर्सला में सात हजार रुपये नहीं देने पर महिला पेशेंट को आपरेशन थियेटर से लौटाने के आरोप वाले मामले में नया मोड़ आ गया है। एक दिन पहले तक लिखित और वीडियो बयान में डाक्टर को क्लीन चिट और एजेंट के रुपये लेने की बात कहने वाली महिला आफरीन अपने बयान से पलट गई है। थर्सडे को महिला ने कहा कि अब उर्सला में ऑपरेशन नहीं कराऊंगी, मेरी जान को खतरा है। महिला ने यह भी कहा कि हॉस्पिटल के डायरेक्टर के कहने के मुताबिक, ही लिखकर दिया था।

अब डफरिन भेज दिया

बाबूपुरवा निवासी पेशेंट आफरीन जहां ने आरोप लगाया था कि उससे अस्पताल के ओटी रूम में ऑपरेशन के नाम पर एक एजेंट ने सात हजार रुपये मांगे थे। इन्कार करने पर उनको लौटा दिया गया था। वेडनेसडे को हॉस्पिटल पहुंचीं आफरीन ने लिखित में बताया कि डॉ। वीकेएस कटियार ने उनसे पैसे नहीं मांगे थे। उनसे एजेंट ने रुपये मांगे थे। हॉस्पिटल के निदेशक डॉ। एचडी अग्रवाल ने कोतवाली पुलिस को एजेंट के खिलाफ लिखित रूप से शिकायत की है। हालांकि, थर्सडे को आफरीन ने बताया कि जब वे हॉस्पिटल में आपरेशन के लिए पहुंचीं तो उनको डफरिन हॉस्पिटल में जाकर सर्जरी कराने के लिए कह दिया गया। डफरिन में ऐसी सर्जरी नहीं होने के कारण अब फिर परेशान होना पड़ रहा है।

ओटी और एंट्री गेट पर पूर्व सैनिक

हॉस्पिटल में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक के लिए हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ। एचडी अग्रवाल और सीएमएस डॉ। बीसी पाल ने एंट्री गेट और ओटी में पूर्व सैनिक को तैनात कर दिया है। जो बिना आई कार्ड देखे किसी को भी प्रवेश नहीं दे रहा है। एंट्री गेट से पेशेंट के परिजन को ही प्रवेश दिया जा रहा है। जबकि, ओटी में जिसको डाक्टर बुला रहा है उसको ही जांच के बाद जाने की अनुमति दी जा रही है।

कोट

महिला पर किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं बनाया गया है। महिला ने स्वयं से लिखित बयान दिया था। जिसमें डॉक्टर से किसी भी प्रकार के रुपये की मांग की बात को नकारा था। उसकी सर्जरी के लिए भी डॉक्टर को बोल दिया था। अब आरोप लगाना गलत है।

डॉ। एचडी अग्रवाल, डायरेक्टर, उर्सला हॉस्पिटल