कानपुर (ब्यूरो) भूगर्भ जल विभाग के ऑफिसर्सं के मुताबिक, शहर के कई इलाकों में वाटर लेवल घटने से विभाग की तरफ से कड़ा कदम उठाया गया था। वर्ष 2020 से प्रभावी इस नियम के तहत कॉर्मिशयल, इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्रियल व घरों में लगे सबमर्सिबल, ट्यूबवेल की बोरिंग कराने से पहले भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद से एनओसी लेना अनिवार्य कर दिया गया था। भूगर्भ जल विभाग पहले तय मानकों के बाद ही एनओसी देता है। रिकार्ड के मुताबिक विभाग की जांच में कई फैक्ट्रियां इन नियमों की धज्जियां उड़ा रही है, जो जाजमऊ, हूलागंज, पनकी समेत अन्य जगहों पर स्थित है।

सिर्फ 100 ने ही लिया एनओसी
अधिकारी के मुताबिक अब तक सिर्फ सौ इंडस्ट्रियों ने सबमर्सिबल के लिए एनओसी लिया है और कुछ आवेदन और आए हैं। विभाग इस संबंध में पहले जांच कर फिर एनओसी देता है। वहीं, लोगों को रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से बरसाती पानी को किस प्रकार से फिर से उपयोग में लाया जा सकता है। इस पर जागरूक किया जा रहा है। साथ ही अधिक जल दोहन से कैसे बचे इसको भी बताया जा रहा है। वहीं, बिना एनओसी पाए जाने पर पांच हजार जुर्माने के साथ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। एनओसी लेने के लिए भूगर्भ जल विभाग की ऑफिशियल साइट पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

यह जानना बहुत जरूरी
- कामर्शियल, इंडस्ट्रियल व बल्क यूजर्स को जल प्रबंधन परिषद से एनओसी के बाद रजिस्ट्रेशन व पांच हजार रुपए फीस देनी होगी।
- इन सभी यूजर्स को यह भी बताना होगा कि रोजाना कितने किलोलीटर पानी का इस्तेमाल करेंगे, इस हिसाब से शुल्क भी निर्धारित होगा।
- कृषि उपयोग के लिए बोरिंग-कृषि उपयोग के लिए ट्यूबवेल आदि की बोरिंग कराने के लिए भी रजिस्टे्रशन जरूरी है, लेकिन इसका कोई शुल्क नहीं लगेगा।
- घरेलू उपयोग के लिए बोरिंग-घरेलू उपयोग के लिए बोरिंग कराने की दशा में रजिस्ट्रेशन कराना होगा, लेकिन उससे कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा।

यहां गिरा वाटर लेवल
जगह------2017-----2022
आवास विकास--13.95-- 15.72
कमिश्नर कैंप--12.08--24.06
पनकी कटरा---4.49----4.76
गुजैनी----15.60-----16.25
कालपी रोड---28.61---29.01
श्यामनगर---23.55---25.3
जरौली----23.43----25.05

अबतक सिर्फ 100 इंडस्ट्रियों ने ही एनओसी लिया है। बाकी कई की प्रक्रिया चल रही है। जांच में सामने आया कि कई इंडस्ट्री को जल के अधिक दोहन और बिना अनुमति के सबमर्सिबल लगाया है। नोटिस जारी की जा रही है। अगर एनओसी नहीं लिया गया तो इनके खिलाफ कार्रवाई होनी शुरू हो जाएगी।
अविरल कुमार सिंह, हाइड्रोलॉजिस्ट, भूगर्भ जल विभाग