आई एक्सक्लूसिव
-14वें वित्त आयोग और अवस्थापना विकास निधि के खर्च के लिए डीएम और महापौर को दी गई पॉवर
-लोकल लेवल पर प्रशासनिक और वित्तिय स्वीकृति देगी गठित कमेटी, नहीं होगी विकास कार्यो में लेटलतीफी
-इस फाइनेंशियल ईयर में 90 करोड़ रुपए हो गए थे लैप्स, प्रमुख सचिव नगर विकास ने जारी किए निर्देश
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KANPUR :
कानपुराइट्स के लिए अच्छी खबर है। सिटी के डेवलपमेंट वर्क्स पर अब किसी तरह का ब्रेक नहीं लगेगा। क्योंकि डेवलपमेंट वर्क्स के लिए अब महापौर व डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी फैसला लेगी। जिसके तहत अब 14वें वित्त आयोग और अवस्थापना निधि के अंतर्गत रूके हुए डेवलपमेंट वर्क्स भी कराए जा सकेंगे। बता दें कि इस फाइनेंशियल ईयर एंड में विभिन्न योजनाओं का 90 करोड़ रुपए लैप्स हो गया था। शासन की स्वीकृति के बाद इस फंड को दोबारा रिलीज किया गया। इसमें करीब 6 महीने का वक्त लगा, तब तक योजनाओं में लेट लतीफी हुई। मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज सिंह ने कमेटी गठित की है। कराए गए कार्यो की किसी भी एजेंसी से स्वतंत्र जांच भी कराई जा सकती है।
डेवलपमेंट में नहीं दिखाया इंट्रेस्ट
कोषागार से मिली जानकारी के मुताबिक नगर निगम ने अवस्थापना निधि से पेमेंट के लिए 31 दिसंबर के बाद से एक भी बिल जारी नहीं किया था। वहीं 8 फरवरी को 14वें वित्त आयोग के तहत 10 लाख से कम के 6.50 करोड़ के 118 और 13.09 करोड़ के 64 बड़े विकास कार्यो के टेंडर हुए थे। 2017-18 फाइनेंशियल ईयर के लिए मिले शेष 48.48 करोड़ के बजट से कोई भी विकास कार्य नहीं हो पाए थे। बता दें कि मार्च के अंत तक 14वें वित्त आयोग से मिले 136.31 करोड़ रुपए का बजट शेष था।
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1 महीने में देनी है रिपोर्ट
डीएम और महापौर की अध्यक्षता वाली इस कमेटी से योजनाओं के प्रस्ताव पास कराए जाएंगे। शासन ने कमेटी द्वारा पास किए गए प्रस्तावों की भी रिपोर्ट 1 महीने में मांगी है। नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा के मुताबिक शासन से आए आदेश के मुताबिक कमेटी से प्रस्ताव पास कराने के लिए सभी जोनल अधिकारियों से विकास कार्यो की लिस्ट मांगी है।
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2 साल में भी खर्च नहीं
फाइनेंशियल ईयर 2018-19 के 14वें वित्त आयोग के बजट को छोड़ दें तो ईयर 2016-17 और 2017-18 के बजट भी विकास कार्यो में मार्च के अंत तक खर्च नहीं किया जा सका था। पिछले 2 सालों में 46.12 करोड़ नगर निगम खर्च नहीं कर सका। वहीं ईयर 2017-18 में मिले 125 करोड़ में से 2 साल खत्म होने के बाद भी सिर्फ 87.44 करोड़ ही खर्च करना अभी शेष है।
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14वें वित्त आयोग के बजट की डिटेल
ईयर प्राप्त बजट खर्च शेष
2016-17 89.02 करोड़ 81.23 करोड़ 7.79 करोड़
2017-18 125.78 करोड़ 87.44 करोड़ 38.33 करोड़
2018-19 96.97 करोड़ 6.78 करोड़ 90.19 करोड़
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फाइनेंशियल ईयर एंड में खर्च बजट
-20.45 करोड़ कुल बजट अवस्थापना के अकाउंट में शेष था।
-9.86 करोड़ इस फाइनेंशियल ईयर में बजट आया था।
-4 करोड़ का बिजली बिल केस्को को इस मद से दिया गया था।
-1 करोड़ सदन को रेनोवेशन के लिए खर्च हुआ था।
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विकास कार्यो को तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा। 14वें वित्त आयोग और अवस्थापना निधि से मिलने वाले बजट का पूरा उपयोग किया जाएगा। शहर के विकास में एक-एक पैसा खर्च होगा। विकास का पैसा लैप्स नहीं होने दूंगी।
-प्रमिला पांडेय, महापौर।