- कुख्यात विकास दुबे को सर्किल फोर्स पहुंचने की खबर देने का शक चौबेपुर थाने के ही कुछ पुलिस कर्मियों पर

- मुखबिरी की जांच के दायरे में आए एसओ चौबेपुर सस्पेंड, जांच और पूछताछ के लिए एसटीएफ के हवाले किए गए

KANPUR: दबिश के दौरान 8 पुलिसकर्मियों के कत्ल का आरोप भले ही कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर हो,लेकिन अपने ही साथियों को मौत के मुंह तक पहुंचाने का काम पुलिस विभाग के ही एक आस्तीन के सांप ने किया। पूरे घटनाक्रम के बाद अब पुलिस अधिकारियों का पहला काम अपने आस्तीन के सांप को खत्म करना ही है। विकास दुबे से मुखबिरी करने का शक चौबेपुर थाने के ही पुलिस कर्मियों पर है। पुलिस महकमे में विकास के मुखबिरों को पहचानने के लिए 500 से ज्यादा फोन नंबर सर्विलांस पर लिया गया है। विकास और उसके करीबियों के नंबर्स की कॉल डिटेल खंगाली जा रही हैं। साथ ही चौबेपुर एसओ समेत थाने के कई पुलिस वालों के फोन नंबर्स को भी लिसनिंग पर रखा गया है। सूत्रों की माने तो इन विकास और उसके करीबियों से कई पुलिस वालों की फोन पर बातचीत के सबूत मिले हैं।

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कुछ दिन पहले मिला थ्ा पुरस्कार

8 पुलिस कर्मियों की शहादत के मामले में पहली गाज चौबेपुर एसओ विनय तिवारी पर गिर गई। अपराध से निपटने में शिथिलता के चलते उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। यह वही विनय तिवारी हैं। जिन्हें कुछ दिनों पहले सीआईएसएफ एएसआई के कातिलों को पकड़ने के लिए पुरस्कृत भी किया गया था। हालाकि विभागीय सूत्रों की माने तो इस पूरे प्रकरण में एसओ चौबेपुर की भूमिका संदिग्ध रही है। इसी के चलते एसटीएफ ने फ्राईडे को ही उससे पूछताछ की थी। वहीं सस्पेंड होने के बाद उसे एसटीएफ के हवाले कर दिया गया। चौबेपुर थाने की कमान अब इंस्पेक्टर कृष्ण मोहन राय को दी गई है। वहीं सीओ देवेंद्र मिश्र की शहादत के बाद सीओ बिल्हौर का चार्ज डीएसपी संतोष सिंह को दिया गया है।