कानपुर (ब्यूरो) यूनिवर्सिटी प्रशासन 15 दिनों में ऑनलाइन डिग्री देने का दावा कर रहा है। स्टूडेंट्स के लिए सुविधाएं बढ़ाने को यूनिवर्सिटी प्रशासन लाखों रुपये खर्च कर रहा है लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। आवेदन करने वालों ने बताया कि कई बार आलाधिकारी तक शिकायत की गई है लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। सिर्फ कागजों पर साइन कर इधर-उधर बढ़ाया जाता है। समाधान नहीं किया जाता। अब तो जाना ही बंद कर दिया।
केस एक
आश्वासन मिल रहा, समाधान नहीं
2003 में पीपीएन कॉलेज से बीएससी करने वाली निकिता अग्रवाल ने 5 जुलाई 2021 में कैंप के दौरान डिग्री के लिए आवेदन किया था। एक हजार रुपये फीस भी जमा की। रिसिप्ट संख्या 960 है। करीब दस महीने बीत गए लेकिन उन्हें आज तक डिग्री नहीं मिली। कई बार चक्कर लगाने के बाद भी समाधान नहीं हो पाया।
केस दो
अब तो उम्मीद ही छोड़ दी
डीबीएस कॉलेज से 2003 में बीएससी करने वाले शेखर त्रिपाठी ने 8 अप्रैल 2019 को डिग्री के लिए आवेदन किया था। रिसिप्ट संख्या 0751885 है। नियमानुसार उस समय 800 रुपये फीस ली गई। लेकिन इनरोलमेंट नंबर न होने की बात कहकर आज तक उन्हें डिग्री नहीं दी गई। उन्होंने कॉलेज और यूनिवर्सिटी के कई चक्कर लगाए आखिर में अब डिग्री लेने की उम्मीद छोड़ दी।
डिग्री लेने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया है। अब डिग्री स्टूडेंट्स के घर भेजने का नियम है। कुछ पुराने मामलों की शिकायत आ रही है। इनकी चेकिंग कराई जाएगी, किस स्तर पर प्राब्लम आ रही है, इसकी जांच कराकर जल्द डिग्री बनवाई जाएगी।
डॉ। अनिल यादव, रजिस्ट्रार सीएसजेएमयू