- इमरजेंसी में एडमिट उन्नाव के पेशेंट के तीमारदार ने बताया कि आग लगने के बाद भी नहीं बजा था अलार्म
- धुआं कमरे में भरने से हुई परेशानी, सामान और फाइल छोड़कर पेशेंट को लेकर बाहर भागे तीमारदार
KANPUR। अस्पतालों में आए दिन आग लग रही हैं। इसके बावजूद कार्डियोलॉजी प्रशासन ने सबक नहीं लिया। अस्पताल में लगे फायर इक्यिूपमेंट खराब पड़े है। इमरजेंसी समेत पूरे अस्पताल में धुंआ भरने के बाद जब मरीजों व तीमारदारों को सांस लेने में प्रॉब्लम हुई तो पूरे अस्पताल में भगदड़ मच गई।
पीछे वाले गेट में लगा था ताला
उन्नाव सिविल लाइन में रहने वाले अभिषेक ने बताया कि उनके पिता को हार्ट अटैक आया था। सैटरडे को उन्हें कॉडियोलॉजी के इमरजेंसी में एडमिट कराया था। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में चारो ओर धुआं ही धुआं था। जो पेशेंट्स चलने में सक्षम थे। उनके तीमारदार उन्हें पैदल बाहर ले गए। उन्होंने बताया कि अस्पताल के आगे वाले गेट के साथ कुछ लोग पीछे वाले गेट की तरफ भागे। जहां ताला बंद था। तभी वार्ड ब्वाय ने हिम्मत दिखाते हुए दरवाजा के साथ शीशा तोड़कर सभी को बाहर निकाला। शीशा तोड़ने में उसका पैर भी फट गया।
हैलट में शिफ्ट किए गए मरीज
कार्डियोलॉजी में एडमिट पेशेंट्स को तत्काल एंबुलेंस के जरिए पहले ओपीडी स्थित न्यू बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया। इसके बाद एक-एक कर सभी को हैलट के मेडिसिन डिपार्टमेंट की वार्ड नंबर 3 व न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट की न्यू बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया। कार्डियोलॉजी के डॉक्टरों की टीम भी भी पहुंची और डॉक्टर्स ने अपने-अपने पेशेंट्स का इलाज शुरू कर दिया।
दहशत के वो पल
अस्पताल के पूरा स्टाफ तत्काल एक्टिव हो गया था। यहीं कारण रहा कि एक बड़ी दुर्घटना होने से बच गई। सभी सुरक्षित अस्पताल से बाहर निकल आए थे।
अभिषेक, उन्नाव
- अस्पताल का फायर अलार्म खराब पड़ा था। अगर वह सही होता तो आग की जानकारी और पहले पता चल जाती, लोगों को इतनी परेशानी न फेस करनी पड़ती।
बृजेंद्र कुमार, उन्नाव
- इमरजेंसी में चंद मिनटों के बाद धुआं ही धुआं था। सबसे बड़ा चैलेंज उन तीमारदारों के सामने था। जिनके मरीज होश में नहीं थे। स्टाफ ने काफी मदद की।
प्रथम चंद्र, फतेहपुर
- इमरजेंसी समेत फर्स्ट फ्लोर के रूम में भी काफी धुआं भर गया था। अचानक अस्पताल में भगदड़ मचने लगी। खिड़कियों के शीशे तोड़े गए। जिससे धुंआ निकले और लोगों को बाहर निकलने का समय मिल सके।
किसवर, चमनगंज