-साकेतनगर जागरण कॉलेज में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से ऑर्गनाज्ड 'मिलेनियल्स स्पीक' में यूथ ने की अपने चुनावी मुद्दों की बात
KANPUR : लोक सभा चुनाव को लेकर पार्टियों के बीच घमासान मचा हुआ है। कोई किसानों के कर्ज माफी की बात कर रहा है तो कोई टैक्स कम करने की बात कर रहा है। लेकिन, उनकी बातों पर यूथ कितने सहमत हैं, यह तो यूथ ही बता सकते हैं। देश में आने वाले समय में 52 परसेंट वोट यूथ का होने जा रहा है। ऐसे में उनकी भी वोटिंग में अहम योगदान होने वाला है। उनके इस अहम योगदान को सही दिशा मिल सके इसलिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और रेडिया सिटी लेकर आए हैं मिलेनियल्स स्पीक। इसके प्रोग्राम के तहत हम डेली यूथ को अपने चुनावी मुद्दों पर बात करने के लिए एक मंच मुहैया करा रहे हैं। मंडे को हम यूथ के मुद्दे जानने के लिए साकेतनगर जागरण कॉलेज पहुंचे, जहां यूथ ने आरजे राघव के साथ अपने मुद्दे शेयर किए।
नेक्स्ट इलेक्शन से ज्यादा जरूरी जनरेशन
जागरण कॉलेज के कांफ्रेंस रूम में हमने यूथ के साथ अपना डिस्कशन शुरू किया। आरजे राघव ने सभी का इंट्रोक्शन मांगा। इसके बाद एक एक कर स्टूडेंट्स ने अपने चुनावी मुद्दे रखने शुरू किए। यूथ के मन में आने वाली पीढ़ी के ब्राइट फ्यूचर को लेकर एक पॉजिटिव सोच दिखाई दी। राघव, दीपक व निहारिका ने कहा कि वोट देने वाले की मेंटेलिटी देख कर वोट दें। हमें ऐसा नेता चाहिए, जो नेक्स्ट इलेक्शन नहीं, बल्कि नेक्स्ट जनरेशन देखे।
दिखावे को न बने कानून
श्रेयांशी, विकरांत और पलाशके कहा कि दिखावे के लिए नियम कानून नहीं बनने चाहिए। हमारी कंट्री में जब तक लोगों में डर नहीं होगा तब तक डेवलपमेंट करना और सिस्टम लागू कर पाना मुश्किल होगा। ऐसी सरकार चाहिए, जो छोटे छोटे मुद्दों को भी सुलझाने के लिए कानून लाए। मसलन अगर कोई सड़क पर गंदगी फैलाता है या ट्रैफिक रूल्स फॉलो नहीं करता है तो उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए। छोटे बच्चों को स्टार्टिग क्लासेज में ही उन्हें मोरल साइंस सिर्फ पढाई ही नहीं जाए, बल्कि उसका प्रैक्टिकल भी हो। इससे वो नए भारत का निर्माण करने में अपना अहम योगदान दे सकेंगे।
डेवलपमेंट होगा चुनावी मुद्दा
प्रतीक, हिमांशु व साक्षी ने उनकी बात पर सहमति जताते हुए कहा कि वो ऐसे ही नेता को वोट देंगे जो कंट्री में डेवलपमेंट की बात करें। उन्होंने लोगों के सिविक सेंस को भी कठघरे में खड़ा किया। कहा सिर्फ गंगा सफाई जैसे अभियान चलाने से गंगा साफ नहीं होंगी। इसके लिए नागरिकों को भी सोचना होगा। इतने साल बाद भी लोग अभी भी गंगा में कूड़ा, पॉलीथिन बहाने देखे जा सकते हैं। इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है। कहा नेता डेवलपमेंट की बात करतें हैं, लेकिन किसी योजना के धरातल पर आने में सालों लग जाते हैं। लेकिन, शुक्लागंज से उन्नाव के बीच हुए मार्ग निर्माण और उसकी रफ्तार से अन्य सरकारों को सीख लेने की जरूरत है। पीएम की सीट पर ऐसे शख्स को बैठना चाहिए, जो सिर्फ बात न करें बल्कि, उसे कर के भी दिखाए। यही कारण है कि कोई विशेष पार्टी बार बार अपनी सरकार नहीं बना पाती।
करप्शन पर हो सख्त प्रहार
आरुषी, हर्षिता और कृतिका ने कहा कि चुनाव से पहले नेता लुभावने प्रॉमिस करते हैं। चुनाव जीतने के बाद नेता सिर्फ अपनी जेब भरने के लिए काम करते हैं। अपनी पॉवर का भी पुलिस प्रशासन पर रौब झाड़ कर गलत इस्तेमाल करते हैं। इस तरह के करप्शन पर सख्त प्रहार होना चाहिए। छोटे से काम से लेकर बड़े स्तर के काम तक बिना रिश्वत लिए कोई काम ईमानदारी से नहीं होता है। ऐसे लोगों का पक्ष नहीं, बल्कि कार्रवाई होनी चाहिए।
जॉब सीकर से अच्छा जॉब क्रियेटर
युवाओं में अपने चुनावी मुद्दों को बेबाकी से सामने रखने को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा था। अरविंदम, मिशा और प्रियांशी ने हम सबको अपनी सोच बदलने की जरूरत है। जॉब की तलाश करने से अच्छा है कि जॉब प्रोवाइड कराई जाए। जॉब सीकर से अच्छा जॉब क्रियेटर बनना है। कहा प्रेजेंट गवर्नमेंट में यूथ को स्टार्टअप के लिए काफी हेल्प की जा रही है। इस हेल्प का सही ढंग से इस्तेमाल कर हम अपने साथ साथ कई लोगों के लिए कमाई के सुनहरे अवसर उपलब्ध करा सकते हैं। तभी, प्रखर व सागर ने उनकी बात का विरोध करते हुए कहा कि स्टार्टअप के लिए जो आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जा रही है, वो कितने जरूरतमंदों तक पहुंची। जिनके पास पहले से पैसा है, उनकी ही हेल्प हो पाती है।
रिसर्च और डेवलपमेंट पर हो फोकस
संकल्प और वीरेंद्र ने कहा कि रिसर्च और डेवलपमेंट पर इनवेस्ट करने की जरूरत है। कहा हमारी कंट्री में एजूकेशन पर फोकस करने की जरूरत है। जब स्टूडेंट्स में टैलेंट होगा तो वो खुद ही आगे बढ़ेंगे। अपने सक्सेस के रास्ते भी वो खुद ही बना लेंगे। कहा सोच बदलने की जरूरत है, आज का यूथ खुले विचारों वाला है और पढ़ा लिखा है। सिर्फ उन्हें सही दिशा देने की जरूरत है।
मिलेनियल्स वर्जन-
- गवर्नमेंट के साथ लोगों को खुद भी सिविक सेंस जगाने की जरूरत है। जहां रहते हैं, वहां साफ सफाई बहुत जरूरी है। अगर हम अपने घरों के आसपास सफाई रखें तो नगर निगम को भी इस पर काम करना होगा।
- रोशनी
- युवाओं को डेवलपमेंट, नौकरी और योजनाओं का लाभ चाहिए, जिससे वो समाज में अपना अलग स्थान बना सकें। पढ़ाई लिखाई करने के बाद यूथ को देश और अपना घर न छोड़ना पड़े। स्टार्टअप का लाभ जरूरतमंद तक पहुंच सके।
- मनीष
- शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम होना चाहिए। गवर्नमेंट हॉस्पिटल में मिडिल क्लास फैमली को प्राइवेट हॉस्पिटल जैसा इलाज मिलना चाहिए। अक्सर हॉस्पिटल में लोगों के साथ बदसलूकी की जाती है। एजूकेशन पर काम होने की जरूरत है।
- संजय
- करप्शन के मुद्दे पर कोई गवर्नमेंट अगर सख्त हो जाए तो यूथ उन्हीं का साथ देंगे। लेकिन, कोई सरकार इस पर पूरी तरह से इसे रोक नहीं पाई है। कुछ नेता तो सिर्फ जेब भरने के लिए चुनाव लड़ते हैं और जीतने के बाद उन्हें जनता से कोई मतलब नहीं होता है।
- अनीता
- वर्तमान चल रही मुद्रा योजना का लाभ जरूरतमंद को मिल सके इसके लिए एक कमेटी का गठन होना चाहिए। योजनाएं अच्छी है, लेकिन उसके इम्प्लीमेंट की जरूरत है। डेवलपमेंट के नाम पर हम काफी पीछे हैं। हमें इस ओर भी काम करने की जरूरत है।
- निहारिका
- सिर्फ नेताओं के वादों पर ही अपना वोट वेस्ट न करें। यह हमें ही समझने की जरूरत है कि वोट किसको देना है। अपने चुनावी मुद्दे की अहमियत समझ कर हमें वोट करना चाहिए। नेता ऐसा हो जो सभी को साथ लेकर चल सके।
- सुबोध
- अगर लोगों को स्टडी और जॉब के लिए कंट्री से बाहर जाना पड़े तो यह बहुत ही गलत बात है। अगर गवर्नमेंट अच्छी है तो उसे इस ओर भी काम करना चाहिए। यूथ को अपनी काबलियत के अनुसार यहां ही सब कुछ मिल जाए तो कोई कंट्री न छोड़े।
- आदेश