-मुठभेड़ में शहीद सीओ के अंतिम संस्कार में बेटी के आंसुओं के साथ अधिकारियों की आंखे भी नम
-दोनों बेटियों ने पिता को दिया कंधा, सैल्यूट कर अपने पिता को बेटियों ने दी मुखाग्नि, मां हुई बेसुध
KANPUR: बिकरू गांव में कुख्यात के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा का शनिवार दोपहर गंगा किनारे भैरवघाट पर अंतिम संस्कार किया गया। उनकी बेटियों ने 'पापा हमें आपकी शहादत पर गर्व है' कहते हुए अपने पिता को मुखाग्नि दी। पिता की मौत पर बेसुध हो रही मां को बेटियों ने ही संभाला और हिम्मत न हारने की बात कहती रहीं। जितना दुख उन्हें पिता के जाने का था, उससे कहीं ज्यादा फक्र उन्हें अपनी पिता की शहादत का था। बेटियों ने अपने पिता की अंतिम यात्रा में उन्हें कंधा भी दिया।
हर कोई हुआ गमगीन
मुठभेड़ में शहीद हुए सीओ के अंतिम संस्कार पर सैटरडे मॉर्निग अंतिम विदाई के लिए लोग उमड़ पड़े। स्वरूप नगर स्थित उनके घर कॉनकॉर्ड अपार्टमेंट से उनकी अंतिम यात्रा भैरवघाट के लिए निकली। इस दौरान अमर रहे और जय हिंद के नारों से आसमान गुंजायमान हो उठा। सभी ने कहा जुर्म के खिलाफ सीओ की शहादत को कानपुर हमेशा याद रखेगा। शहीद पिता को मुखाग्नि देते समय बेटी को रोता देखकर मौजूद पुलिस प्रशासन के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और लोगों की भी आंखें नम हो गईं। हर कोई सीओ की बहादुरी को सलाम कर रहा था और उन्हें आंसुओं और फूलों से श्रद्धांजलि अर्पित करते रहे।
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बेटियों ने दिया कंधा
सीएम द्वारा श्रद्धांजलि देने के बाद सीओ देवेंद्र मिश्रा का पार्थिव शरीर रीजेंसी हॉस्पिटल में ही रखवाया गया था। पोस्टमार्टम के समय पत्नी आशा बेसुध हो गईं थीं, तो उन्हे बेटियों वैष्णवी और वैशारदी ने संभाला था। उनके छोटे भाई राजीव और रमादत्त मिश्र भी बांदा से पहुंच चुके थे। सैटरडे मॉर्निग 10 बजे अंतिम यात्रा उठी तो शहीद पिता को बेटियों ने भी कंधा दिया। यह नजारा देखकर मौजूद हर शख्स रो पड़ा। गंगा नदी के तट भैरोघाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। पिता को मुखाग्नि देते समय बेटी वैष्णवी फफक कर रो पड़ी तो वहां मौजूद हर शख्स का गला भर आया। रिश्तेदार व महिला सिपाही उन्हें संभालती रहीं। यहां एडीजी जयनारायण सिंह, आईजी मोहित अग्रवाल, एसएसपी दिनेश कुमार पी समेत पुलिस अधिकारी, जनप्रतिनिधि और लोग मौजूद रहे।
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बेटी को बनाना चाहते थे डॉक्टर
बांदा जिले के गिरवां क्षेत्र के सहेवा गांव निवासी सीओ देवेंद्र मिश्र बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता महेश प्रसाद टीचर थे। खुरहंड स्कूल से ही हाईस्कूल करने के बाद उन्होंने एचआईसी कॉलेज से इंटरमीडिएट पास किया था। इसके बाद जेएन कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद ईयर 1981 में कांस्टेबल के पद पर पुलिस विभाग में जॉब पाई थी। छोटे भाई राजीव ने बताया कि बड़े भाई देवेंद्र बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे, इसलिए वैष्णवी का मेडिकल में एडमिशन कराया था। रिटायरमेंट के बाद गांव में ही रहने की बात कहा करते थे।
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अहिरवां चौकी में थे तैनात
भाई ने बताया कि उन्होंने पुलिस की परीक्षा पास की और एसआई बनकर कानपुर की अहिरवां चौकी में तैनात हुए। वर्ष 2004-05 में वह उन्नाव जनपद के आसीवन थाना प्रभारी बने तो उन्होंने एक शातिर अपराधी का एनकाउंटर किया था। इसपर विभाग ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर प्रभारी निरीक्षक बनाया था। तकरीबन दो साल पहले ही वह प्रमोट होकर सीओ बनाए गए थे।
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एडीजी ने दी सलामी
अंत्येष्टि में पुलिस के सभी आलाधिकारी भैरवघाट पहुंचे और अपने शहीद साथी को सलामी दी। एडीजी जय नारायण सिंह, आईजी मोहित अग्रवाल, एसएसपी दिनेश कुमार पी, अजीत सिंह चौहान के साथ कई पुलिस अधिकारियों ने उन्हें सलामी देते हुए अंतिम विदाई दी। एडीजी जय नारायण सिंह ने बेटी वैष्णवी से कहा कि इस दुख की घड़ी में पुलिस और प्रशासन हर तरह से उनकी मदद को तत्पर है वह अपने परिवार को अकेला ना समझें।