कानपुर(ब्यूरो)। ड्रिंकिंग वाटर क्राइसिस से परेशान कानपुराइट्स के लिए राहत भरी खबर है। बारिश के कारण नरौरा डैम से चार दिन में आठ गुणा पानी छोड़ा गया है। इसका असर अब गंगा में भी नजर आने लगा है। गंगा का जलस्तर बढऩा शुरू हो गया है। ऐसे में अब जलकल को जलापूर्ति के लिए गंगा से पानी खींचने के लिए ड्रेजिंग मशीन नहीं चलानी पड़ेगी। पानी के ट्रीटमेंट में होने वाला लाखों का खर्च भी बचेगा।
नाले भी सीधे गंगा में
25 जून को नरौरा बांध से 1727 क्यूसेक और 29 जून को 13,994 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंगा के बढ़ते जलस्तर को लेकर ङ्क्षसचाई विभाग सतर्क हो गया है। गंगा के लगातार बढ़ते जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। वहीं जलकल को जलापूर्ति के लिए गंगा से पानी खींचने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ रही है। ड्रेङ्क्षजग मशीन के बिना पानी पंप तक आ रहा है। बारिश के चलते गंगा में गिर रहे सभी नालों को खोल दिया गया है। जिससे रोज 40 करोड़ लीटर दूषित पानी सीधे गंगा में गिर रहा है।
बोट क्लब को लिखा लेटर
गंगा के बढ़ते जलस्तर को लेकर ङ्क्षसचाई विभाग के अधिशासी अभियंता पंकज गौतम ने बोट क्लब के पदाधिकारियों को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि किसी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए अक्टूबर तक बोङ्क्षटग न करायी जाए। वर्तमान में बैराज के 30 गेट में आठ गेट खुले हैं।
गंगा का मौजूदा हाल
अपस्ट्रीम में जलस्तर- 112.900 मीटर
डाउनस्ट्रीम में जलस्तर- 109.050 मीटर
शुक्लागंज में जलस्तर- 107.40 मीटर
नरौरा से छोड़ा गया पानी - 13,994क्यूसेक
बैराज से छोड़ा गया पानी 4,486 क्यूसेक
बैराज के गेट खोले गए - 08