-100 बेड की क्षमता का नया हॉस्टल बनेगा, एमबीबीएस की सीटें बढ़ने से ग‌र्ल्स स्टूडेंट के रहने को नहीं बची थी जगह

- दो हॉस्टल के मेनटेनेंस व रेनोवेशन के लिए भी शासन ने स्वीकृत किए 3.90 करोड़ रुपए, जल्द शुरू हेागा काम

नंबर गेम

- 150-150 बेड की क्षमता के दो हॉस्टलों के निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया

- 10 हॉस्टल हैं जिनकी कुल क्षमता 1085 बेड की है, 100 बेड का एक हॉस्टल भी शामिल हैं

KANPUR: यूपी के सबसे बड़े गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का दर्जा रखने वाले जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट्स के रहने के

लिए जगह कम पड़ने लगी है। दरअसल, सीटें बढ़ाई गई है उस पर एडमिशन हुए लेकिन हॉस्टल कैपेसिटी नहीं बढ़ी। इससे सबसे ज्यादा प्रॉब्लम ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स को होने लगी। इस प्रॉब्लम को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 7 फरवरी के अंक में प्रमुखता के साथ उठाया था। शासन ने इस मुद्दे पर सकारात्मक पहल की है। एक तरफ जहां जर्जर हो चुके दो ब्वॉयज हॉस्टलों की मरम्मत और रेनोवेशन के लिए 3.90 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। वहीं ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स के लिए एक हॉस्टल के निर्माण को लेकर सैद्धांतिक सहमति भी दे दी है।

रेनोवेशन का काम जल्द श्ाुरू होगा

ट्यूजडे को मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के एसीएस के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग में भी इस पर बात हुई। मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ.आरबी कमल ने जानकारी दी कि बीएच-1 और 2 के रेनोवेशन के लिए शासन ने कुल 3.90 करोड़ रुपए स्वीकृत किए है। यह राशि मेडिकल कॉलेज के खाते में भी ट्रांसफर हो गई है। इन दोनों हॉस्टलों के रेनोवेशन का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा।

ग‌र्ल्स के लिए नया हॉस्टल

मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल ने जानकारी दी कि एमबीबीएस के नए सेशन में इस बार सबसे ज्यादा 106 ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स आई है। मेडिकल कॉलेज में ग‌र्ल्स के लिए पीजी और यूजी एक ही हॉस्टल है। यह भी बेहद पुराने हो चुके हैं। ऐसे में जेई सिविल से 100 ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स के रुकने की क्षमता वाले नए हॉस्टल का प्रपोजल तैयार करा कर शासन को भेजा है। इसके लिए जगह भी चिन्हित है। इसके निर्माण में 5 करोड़ रुपए की लागत आएगी।