- यात्रियों की सुविधा को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने लिया अहम फैसला
- दीपावली व छठ पूजा में पैसेंजर्स की सुविधा के लिए चलाई जाती हैं ये ट्रेनें
KANPUR। अब अन्य ट्रेनों की तरह पैसेंजर्स सुविधा ट्रेनों की वेटिंग टिकट भी ले सकेंगे। यह फैसला बीते दिनों रेलवे बोर्ड ने पैसेंजर्स की सुविधा व रेलवे की आमदनी बढ़ाने के लिए किया है। गौरतलब है कि दीपावली व छठ पूजा के पर्व में पैसेंजर्स के लिए सुविधा ट्रेनें चलाई जाती हैं। अधिकारियों के मुताबिक अभी तक सुविधा ट्रेनों में वेटिंग टिकट नहीं दी जाती थीं। जिसके चलते कभी-कभी ट्रेनों में 70 परसेंट पैसेंजर ही सफर करते थे। जिससे रेलवे को नुकसान उठाना पड़ता था। इस पर गहन चिंतन कर रेलवे बोर्ड ने अब सुविधा ट्रेनों की भी वेटिंग टिकट पैसेंजर्स को देने का फैसला लिया है।
15 परसेंट ही दी जाएंगी टिकटें
जानकारी के मुताबिक रेलवे बोर्ड ने सुविधा ट्रेनों की 15 परसेंट तक ही वेटिंग टिकट पैसेंजर्स को देने का आदेश दिया है। अगर किसी भी सुविधा ट्रेन में 15 परसेंट से ऊपर वेटिंग टिकट जाती है तो उन पैसेंजर्स को दूसरी सुविधा ट्रेनों में बर्थ रिजर्व की जाएगी।
एक माह पहले ही करा सकते रिजर्वेशन
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक सामान्य ट्रेनों की तरह पैसेंजर इन सुविधा ट्रेनों में तीन माह पहले से रिजर्वेशन नहीं करा सकता है। इन ट्रेनों में रिजर्वेशन कराने के लिए पैसेंजर्स को सिर्फ एक महीने पहले ही रिजर्वेशन सेंटर में आवेदन करना होता है।
आधा दर्जन चलेंगी सुविधा ट्रेनें
रेलवे बोर्ड इलाहाबाद मंडल के पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि दीपावली व छठ पर्व के दौरान एनसीआर के पैसेंजर्स की सुविधा को देखते हुए लगभग आधा दर्जन सुविधा ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए अतिरिक्त कोचों की व्यवस्था भी की जा रही है।
करोड़ों के नुकसान से बचेगी रेलवे
सुविधा ट्रेनों में वेटिंग टिकट जारी करने का मकसद पैसेंजर्स को सुविधा देने के साथ-साथ रेलवे को करोड़ों के नुकसान से भी बचाना है। अधिकारियों की माने तो सुविधा ट्रेनों में पर्याप्त संख्या में पैसेंजर्स के न मिलने से रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। यह सेवा शुरू होने के बाद रेलवे को यह नुकसान नहीं सहना पड़ेगा।
'सुविधा ट्रेनों की वेटिंग टिकट पैसेंजर्स को देने का आदेश मुख्यालय से आ चुका है। इस बार त्योहार के पर्व में चलाई जाने वाली सुविधा ट्रेनों की वेटिंग टिकट भी पैसेंजर ले सकेंगे.'
-विजय कुमार, सीपीआरओ इलाहाबाद मंडल