- वर्तमान में डॉक्टरों को फेयर में 10 प्रतिशत मिलती है छूट, एमबीबीएस की डिग्री दिखाने के बाद मिलता लाभ
- शर्त के मुताबिक रेलवे फेयर में देता छूट, जर्नी के दौरान किसी पैसेंजर्स को उपचार की जरूरत पर करनी होगी हेल्प
KANPUR। ट्रेनों में जर्नी के दौरान पैसेंजर्स को समय पर ट्रीटमेंट मिल सके, इसके लिए रेलवे ने ट्रेनों में डॉक्टर्स के लिए दो बर्थ का वीआईपी कोटा रखने की प्लानिंग की है। वीआईपी कोटे की बर्थ डॉक्टर्स को देने में कंडीशन रखी गई है। जिसके तहत डॉक्टर जर्नी के दौरान किसी पैसेंजर्स को ट्रीटमेंट की जरूरत पर उसका इलाज करेगा। साथ ही अपने साथ कुछ जरूरतमंद दवाएं व उपकरण भी लेकर चलेगा। इस कंडीशन के साथ कोटे की बर्थ के साथ फेयर में भी 10 फीसदी छूट दी जाएगी।
झंझटों से बचने के लिए
एनसीआर सीपीआरओ अजीत कुमार ने बताया कि डॉक्टर्स को पहले से ही फेयर में 10 प्रतिशत की छूट देने का प्रावधान है। इसके लिए उनको अपने कार्ड के साथ अन्य प्रमाणपत्र देना होगा। साथ ही जर्नी के दौरान किसी पैसेंजर्स को उपचार की जरूरत होने पर उनका उपचार करने की भी कंडीशन लागू है। इन झंझटों से बचने के लिए डॉक्टर्स योजना का लाभ नहीं उठाते हैं।
रेलवे को क्यों पड़ी जरूरत
ट्रेनों में आए दिन समय पर इलाज न मिलने से पैसेंजर्स की होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। जिससे रेलवे की छवि भी खराब हो रही है। इसको देखते हुए रेलवे ने ट्रेनों में दो बर्थ का कोटा डॉक्टर्स को भी देने का फैसला लिया है। जिससे पैसेंजर्स को समय पर इलाज मुहैया हो सके।
काउंटर टिकट पर ही िमलेगा लाभ
रेलवे आफिसर्स के मुताबिक इसका लाभ डॉक्टर्स को काउंटर रेल टिकट पर ही मिलेगा। योजना का लाभ ऑनलाइन टिकट में नहीं मिलेगा। आफिसर्स के मुताबिक योजना का लाभ उठाने के लिए डॉक्टर्स को रिजर्वेशन फार्म भरते समय डॉक्टर वाले कॉलम में टिक करना होगा। जिसके बाद उनको अपनी मेडिकल डिग्री शो करनी पड़ेगी।
'' ट्रेनों में पैसेंजर्स को समय पर ट्रीटमेंट देने के उद्देश्य से रेलवे इस योजना को जल्द शुरु करने की प्लानिंग कर रहा है। इलाहाबाद रीजन में अभी कोई आदेश नहीं आया है। उम्मीद है कि जनवरी से यह योजना शुरू हो जाएगी। ''
अजीत कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनसीआर