कानपुर (ब्यूरो) शंकर नागदेव ने कहा कि भले ही यहां मेरी बेटी की हत्या हुई हो, लेकिन एक घटना के बाद वह कनपुरिया संस्कृति का मुरीद हो गया। सेंट्रल स्टेशन पर परिचय होने पर कुली ने मुझसे माफी मांगी कि उसके शहर में मेरी बेटी की हत्या हो गई। यही नहीं उसने सामान उठाने का पैसा लेने से भी मना कर दिया था। तभी से मैैं कानपुर की संस्कृति का कर्जदार और मुरीद हो गया। हत्याकांड के बाद कानपुर के लोगों ने आक्रोश दिखाया और बेटी को न्याय दिलाने के लिए सड़क पर उतरे।