कानपुर (ब्यूरो) मॉकड्रिल में देखा गया कि एक कोरोना संक्रमित के अस्पताल पहुंचने में उसके भर्ती होने से लेकर उसे ऑक्सीजन थेरेपी शुरू होने में कितना वक्त लगता है। इसके बाद पेशेंट का ट्रीटमेंट कैसे शुरू होगा। उसके वाइटल्स चेक करने से लेकर वार्ड में शिफ्ट होने में कितना वक्त लगेगा। सभी कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता पेशेंट लोड के हिसाब से क्या रहती है। इसे भी मॉकड्रिल में एनालाइज कर आगे के लिए तैयारियों को और पुख्ता किया जाएगा।