- इंजीनियरिंग के स्टूडेंट को अब वैदिक गणित भी सिखाई जाएगी
- पहली बार सीएसजेएमयू बीटेक स्टूडेंट्स के लिए वर्कशॉप लगवाएगा
KANPUR: इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स को वैदिक गणित की जानकारी दी जाएगी। इसके पीछे मकसद है कि जटिल से जटिल प्रॉब्लम भी बीटेक के स्टूडेंट बिना कंप्यूटर की सहायता से सॉल्व कर सके। वर्कशॉप में उन्हें यह बताया जाएगा कि वैदिक गणित क्या है और इसका यूज कहां-कहां किया जा सकता है। गौरतलब है कि महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती 22 दिसंबर को है। स्टूडेंट्स के लिए वर्कशॉप के साथ एक सेमिनार भी होगा। इसमें मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इलाहाबाद के प्रो। शिवदत्त कुमार और बीएन पीजी कॉलेज राठ हमीरपुर के एसोसिएट प्रो। डॉ। कैलाश विश्वकर्मा स्टूडेंट्स को वैदिक गणित के बारे में बताएंगे। तकनीकी के इस युग में कंप्यूटर ने काम जरूर आसान कर दिया है लेकिन रिसर्च वर्क के तहत एनालिसिस के लिए कई बार इतनी जटिल कैलकुलेशन करने की आवश्यकता होती है जो जल्द संभव नहीं हैं। ऐसे में वैदिक गणित राह आसान बनाती है।
बड़ी कैलकुलेशन का तुरंत आंसर
सीएसजेएमयू के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनिय¨रग एंड टेक्नोलॉजी के एचओडी डॉ। रवींद्र कटियार ने बताया कि भविष्य में वैदिक गणित का यूज बीटेक के स्टूडेंट्स करेंगे। जटिल अर्थमैटिक कैलकुलेशन को आसान बनाने की ट्रिक सिखाने के लिए उन्हें इसकी स्टडी कराई जाएगी। यह उनके लिए ऐसी पहली वर्कशाप होने जा रही है। वैदिक गणित में सूत्र व उपसूत्र होते हैं जिसके जरिए कैलकुलेशन की जाती है।
टीचर्स के लिए होगी लाभप्रद
स्टूडेंट्स से लेकर टीचर्स के लिए यह वर्कशॉप लाभदायक होगी। सूत्रों की सहायता से मौखिक हल करके उसका तुरंत उत्तर बताया जा सकता है। इसकी एक खासियत यह भी है कि वैदिक गणित का कोर्स अन्य गणित की तुलना में कम समय में पूरा किया जा सकता है। ऐसी ही कुछ सूत्र व उपसूत्र छात्र छात्राओं को कार्यशाला में बताए जाएंगे। वह उनका उपयोग करना सीखेंगे।