कानपुर (ब्यूरो) पनऊपुरवा में आरोपी श्रीकृष्ण दीक्षित और 58 साल के पीडि़त आनंद कुमार कुरील का परिवार आमने सामने रहता है। आनंद कुमार कुरील की बहू संदीपा ने बताया कि मंडे रात लगभग दस बजे श्रीकृष्ण दीक्षित उसके बेटे शोभित राजन और गोविंद दीक्षित, श्रीकृष्ण दीक्षित के चचेरे भाई सुधीर लउआ ने उनके घर पर हमला बोल दिया। संदीपा के मुताबिक इस हमले की योजना ग्राम प्रधान मनीष दीक्षित और उसके पिता राम कुमार दीक्षित ने बनाई थी। बहू ने आरोप लगाया कि जिस वक्त आरोपी घटना को अंजाम दे रहे थे उस दौरान दरोगा गोपीकृष्ण अग्रवाल और दरोगा रोशन शेर बहादुर समेत चार सिपाही भी मौके पर मौजूद थे। उन्हीं के सामने आरोपियों ने पूरे परिवार पर हमला बोल दिया। आरोपियों ने पथराव करने के साथ ही आनंद के घर का दरवाजा तोड़ दिया और उसके घर में रखा सारा सामान तहस नहस कर दिया।
भडक़े विधायक तो पीछे दौड़े एसपी
पनऊपुरवा में हुई हत्या की जानकारी मिलने पहुंचे विधायक भगवती प्रसाद सागर पीडि़त परिवार की दस्तां सुनकर भडक़ गए। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर मुकदमा और निलंबन की मांग की तो अधिकारियों ने अनसुनी की। ऐसे में विधायक नाराज होकर पैदल ही चल पड़े। मामला तूल पकड़ता देख एसपी आउटर उनको मनाने के लिए पीछे दौड़े। यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एसपी कानपुर आउटर खूब ट्रोल हो रहे हैं। इसी दबाव का नतीजा रहा कि उन्होंने दो दारोगा समेत चार पुलिस कर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया। वहीं विधायक का कहना है कि इतनी बड़ी घटना, इतने संगीन आरोप और कार्रवाई लाइन हाजिर। इससे ही समझा जा सकता है कि पुलिस की नियत ठीक नहीं है।