-एक से ज्यादा वैक्सीन आने की उम्मीद, इंजेक्शन के साथ ड्रॉप की तरह भी होगी वैक्सीन
- इंट्रा मस्कुलर वैक्सीन की दो तरह की डोज को लेकर कराई जा रही है ट्रेनिंग
KANPUR: नए साल में कोरोना से बचाव के लिए आ रही वैक्सीन एक से ज्यादा तरह की हो सकती है। इंजेक्शन से दी जाने वाली वैक्सीन के साथ ड्रॉप की तरह दी जाने वाली वैक्सीन के भी ट्रायल चल रहे हैं। इंजेक्शन वाली वैक्सीन की डोज भी दो तरह की हो सकती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से वैक्सीनेशन के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है।
इंजेक्शन वाली वैक्सीन के दो डोज
कोरोना वायरस से बचाव के लिए बनाई जा रही इंट्रा मस्कुलर वैक्सीन के अभी तक दो तरह के डोज हैं। जिसमें अलग अलग मात्रा में वैक्सीन इंजेक्शन के जरिए दी जाएगी। पहला डोज 0.5 एमएल का है। वहीं एक और वैक्सीन है जिसका डोज 0.1 एमएल का ही है। इसमें स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के साथ रूसी और यूरोप की एक कंपनी की डोज भी शामिल है। वहीं सीरम इंस्टीटयूट की ओर से तैयार की जा रही एक वैक्सीन को नाक के जरिए दिया जा सकेगा। इस वैक्सीन के ट्रायल भी अभी चल रहे हैं।
हो रही है ट्रेनिंग
वैक्सीनेशन को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही है। ट्रेनिंग अंतिम दौर में हैं। मास्टर ट्रेनर्स की ट्रेनिंग पहले ही हो चुकी है। इनमें सभी एसीएमओ व डिप्टी सीएमओ, इम्यूनाइजेशन ऑफिसर आदि शामिल थे। इसके बाद सीएचसी लेवल पर ट्रेनिंग शुरू की गई। अब ब्लाक लेवल पर पीएचसी में ट्रेनिंग चल रही है। हेल्थ डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स के मुताबिक अरबन प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स पर ट्रेनिंग लगभग कम्प्लीट हो चुकी है।
वैक्सीन देने के कितने तरीके-
इंद्रा मस्कुलर वैक्सीन- इसे सीधे इंजेक्शन के जरिए बॉडी के 90 डिग्री एंगल पर किसी पेशेंट को लगाया जाता है।
इंट्रा नेजल वैक्सीन- इसे नाक में ड्रॉप या स्प्रे की तरह दिया जाता है।
ओरल वैक्सीन- इस तरह की वैक्सीन की निर्धारित बूंदे किसी पेशेंट्स के मुंह में डाली जाती हैं। जैसे पोलियो की वैक्सीन
वैक्सीन एक या उससे ज्यादा कंपनियों की आ सकती है.अलग अलग वैक्सीन के अलग अलग डोज होते हैं। उसी के मुताबिक वैक्सीनेशन करने वाले स्टाफ की ट्रेनिंग कराई जा रही है।
- डॉ.अनिल मिश्र, सीएमओ कानपुर नगर।