कानपुर(ब्यूरो)। सिटी में कोविड वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज है। अब तक 67 लाख से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। 15 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने में कानपुर यूपी के टॉप 10 जिलों में से एक है। तेजी से इतने लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है और प्रचार प्रसार भी कर रही है। लेेकिन एक सच यह भी है कि वैक्सीनेशन की इस रेस में फर्जी आंकड़ेबाजी भी काफी हो रही है। जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई ही नहीं, वैक्सीनेशन सेंटर पर भी नहीं गए, उनके मोबाइल पर वैक्सीन लगने के मैसेज आ रहे हैं।
नहीं लग पा रही दूसरी डोज
हद तो ये है कि जिन लोगों की किसी कारण से महीनों पहले मृत्यु हो चुकी है आंकड़ों में उन्हें भी कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। बाकायदा मोबाइल पर मैसेज आ रहे हैं। इस प्रकार के मैसेजेस से सबसे ज्यादा समस्या उन्हें हो रही है जिन्हें वैक्सीन की सेकेंड डोज लगवानी है। वैक्सीनेशन सेंटर पर पहुंचने पर उन्हें कहा जाता है कि आपको दोनों डोज पहले लग चुकी हैं। इसलिए अब नहीं लगाई जा सकती है। कोविन पोर्टल पर भी यही अपडेट मिलती है।
लगातार आ रहे हैं मामले
दरअसल अब स्वास्थ्य महकमे लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज भी लगे इसके लिए काफी प्रयास कर रहा है। जिन लोगों की सेकेंड डोज मिस हो गई। नगर निगम स्थित कोविड कंट्रोल रूम से उन्हें फोन कर वैक्सीन लगवाने के लिए भी कहा जा रहा है,लेकिन इन इस प्रयासों के बीच ऐेसी शिकायतें बढ़ी हैं कि बिना वैक्सीन लगवाए ही लोगों के मोबाइल पर वैक्सीन की एक या दोनों डोज लगने के मैसेज आ गए और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी जारी हो गया। फिर जब वह वैक्सीनेशन सेंटर पर इसकी शिकायत करने पहुंचे तो वहां से भी खाली हाथ लौटना पड़ा। उन्हें सेकेंड डोज भी नहीं लगी। हालाकि स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों से बात करने पर वह इसे टेक्निकल एरर बताते हैं या फिर पोर्टल पर अपडेशन के समय होने वाली मानवीय चूक मानते हैं।
केस-1
कल्याणपुर निवासी सुरुचि मिश्रा के पति अतुल मिश्र के मोबाइल फोन पर 8 मार्च की दोपहर 12.53 बजे एसएमएस आया। जिसमें उनकी पत्नी को कोरोना वैक्सीन की सेकेंड डोज लगने की जानकारी थी। जबकि सुरुचि मिश्र ने सेकेंड डोज लगवाई ही नहीं थी। अतुल का कहना है कि सरकार के ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन के दबाव में कर्मचारी इस तरह की मनमानी कर रहे हैं।
केस-2
नेहरू नगर निवासी अजय मखीजा के मोबाइल पर 6 मार्च की सुबह 9.38 बजे एसएमएस आया। उन्होंने अभी तक वैक्सीन की कोई डोज नहीं लगवाई थी,लेकिन एसएमएस के बाद उसमें दिए लिंक को ओपन किया। उसके बाद अपना फस्र्ट डोज का वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी डाउनलोड कर लिया। जिसमें लिखा था कि उन्हें फस्र्ट डोज रथिगांव वैक्सीनेशन सेंटर में लगाई गई। जबकि वह वैक्सीन लगवाने कहीं गए ही नहीं थे।
केस-3
यशोदा नगर एस ब्लॉक निवासी मधुलिका श्रीवास्तव की मृत्यु बीमारी के चलते बीते साल 17 सितंबर को हो गई थी, लेकिन उन्हें कोरोना वैक्सीन की सेकेंड डोज लग जाने का एसएमएस 7 फरवरी 2022 को पति के मोबाइल फोन पर आया। वैक्सीनेशन कंपलीट होने का सर्टिफिकेट भी जेनेरेट हो गया। ट्विटर के जरिए उनके पति ने स्वास्थ्य विभाग को इसकी शिकायत भी की थी।
केस-4
विजय नगर निवासी शिव बालक और उनकी पत्नी मुन्नी देवी ने वैक्सीन की अभी तक फस्र्ट डोज ही लगवाई है, लेकिन शिव बालक के मोबाइल पर 1 मार्च को वैक्सीन की दूसरी डोज लगने का मैसेज आया गया। इसी तरह 5 मार्च को उनकी पत्नी मुन्नी देवी को भी सेकेंड डोज लगने का मैसेेज उनके मोबाइल फोन पर आया। बकायदा वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी कोविन एप से मिल गया,जबकि वह किसी वैक्सीनेशन सेंटर वैक्सीन लगवाने गए ही नहीं।
सिटी में अब तक वैक्सीनेशन की स्थिति-
67,84,935- डोज अब तक कानपुर में लगे
38,61,748- फस्र्ट डोज लगे अब तक
28,54,596- लोगों को दोनों डोज लग चुके
68,591- लोगों को प्रिकॉशन डोज भी लगाई
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35,09,571- डोज वैक्सीन की पुरुषों को लगी
32,04,451- डोज वैक्सीन की महिलाओं को लगी
2318- डोज वैक्सीन की थर्ड जेंडर को लगी
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8,05,888- डोज 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को लगी
14,74,283- डोज 45-60 साल की उम्र के लोगों को लगी
41,22,289-डोज 18-44 साल की उम्र के लोगों को लगी
3,82,475- डोज 15-17 साल की उम्र के लोगों को लगी
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इस तरह की शिकायतें मिली हैं। जिसके लिए सीएमओ और वैक्सीनेशन के नोडल अफसर को कहा गया है। जिन लोगों को वैक्सीन लगे बिना भी मैसेज आ रहे हैं वह कोविड कंट्रोल रूम पर संपर्क कर इसकी शिकायत कर सकते हैं।
- डॉ.जी के मिश्र, एडिश्नल डायरेक्टर हेल्थ, कानपुर मंडल