कानपुर (ब्यूरो) डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि पकड़े गए हैकर्स में नौबस्ता निवासी सत्यम द्विवेदी(26), शेखर (26), हमीरपुर निवासी आकाश(24) और मलखान(24) है। नौबस्ता निवासी सत्यम और शेखर ग्रेजुएट हैं जबकि आकाश इंटर और मलखान दसवीं पास है। शातिर एटीएम कार्ड को ट्रे में डालने के बाद मोटर की आवाज से शटर खुलने का अंदाजा लगाते थे। शटर खुलते ही उसे रोक देते थे। इसके बाद उंगली फंसाकर रुपये बाहर निकाल लेते थे। शटर बंद न होने की वजह से ट्रांजेक्शन अधूरा रह जाता था। बैैंक में फोन कर ट्रांजेक्शन डिक्लाइन कराते थे और बैैंक से एक सप्ताह में रुपये ले लेते थे।
किराए पर लेते थे एटीएम कार्ड
चंद रुपयों का लालच देकर शातिर भोले-भाले लोगों को से एटीएम कार्ड किराए पर लेते थे। हैकर्स एक सप्ताह में दस लाख का टारगेट लेकर निकलते थे। एटीएम बूथों से रुपये निकालकर ट्रंाजेक्शन डिक्लाइन कराकर शातिर सरकारी और निजी बैैंकों को चूना लगा रहे थे। डीसीपी ने बताया कि शातिर ज्यादातर बैैंक ऑफ महाराष्ट्रा और कोटक महिंद्रा बैैंक के एटीएम को निशाना बनाते थे। क्योंकि इन बैैंकों से रुपये जल्दी वापस मिल जाते थे। शातिर कानपुर, जालौन, दिल्ली, मेरठ और एनसीआर में वारदातों को अंजाम दे चुके हैैं।