-सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों की मिलीभगत आई सामने, शहर में दूसरे ठगों के दूसरे ठिकानों की तलाश में जुटी पुलिस
KANPUR : बेरोजगारों को जाल में फंसाकर ठगी करने वाली कॉॅल सेंटर प्रीएक्टिवेटेड सिम कार्ड का यूज करते थे। जो सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों की मिलीभगत के बिना मुमकिन नहीं है। सरगना की गिरफ्तारी के बाद उसके दो साथियों की तलाश में पुलिस की एक टीम को प्रतापगढ़ भेजी गई है। लाखों की ठगी के इस खेल में बैंक खातों में किस तरह का ट्रांजेक्शन हुआ है, पुलिस इसके बारे में भी जानकारी जुटा रही है। स्वाट टीम प्रभारी अमित तोमर को इसके खुलासे की जिम्मेदारी सौंपी गई।
वेडनसडे को स्वाट टीम ने नरोना चौराहा स्थित ग्लोबस माल और चुन्नीगंज के एसकेएस डिजिटल सॉल्यूशन कॉल सेंटर में छापेमारी की थी। टीम ने प्रतापगढ़ निवासी गिरोह के सरगना हरिओम पाण्डेय को गिरफ्तार कर लिया। जबकि उसके दो साथी अजय और विवेक फरार हो गए। स्वाट टीम ने दोनों जगह पर मौके से 55 प्रीएक्टिवेटेड सिम कार्ड बरामद किए थे। सभी सिर्म दिल्ली के नाम पतों पर एक्टिवेटेड हैं। एसपी वेस्ट डॉ। अनिल कुमार ने बताया कि जो नाम पते सामने आए हैं उनका सत्यापन कराया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो एक टीम दिल्ली भेजी जाएगी।
साठ लाख से ज्यादा की ठगी
अधिकारियों को जानकारी मिली है कि सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां बल्क ऑर्डर करने वालों को इस तरह से सिमकार्ड प्रोवाइड करा देती है। इस पूरे गोरखधंधे को भी समझने का प्रयास किया जा रहा है.जांच में खुलासा हुआ है कि बीते दो महीने में आरोपियों ने साठ लाख से ज्यादा की ठगी की है। आधा दर्जन खातों के बारे में जानकारी मिली है।