सार्जेंट कालविन गिब्स का कहना है कि वो हत्या में शामिल नहीं थे। उन्होंने 16 अन्य आपराधिक मामलों में भी जूर्म क़बूल करने से मना कर दिया है। वो उन पांच सैनिकों में से एक है जिनपर मुक़दमा चल रहा है।
तस्वीरें
इसी साल मार्च में कुछ तस्वीरें प्रकाशित हुई थीं जिसमें सैनिकों को अफ़ग़ान नागिरकों के शवों के साथ दिखाया गया था। कहा गया था कि इनकी हत्या इन्हीं लोगों ने की थी। जिसके बाद उन्होंने शवों के साथ तस्वीरें खिचवाईं।
शवों की अंगुलियां काटकर सार्जेंट गिब्स के पास रखने या हत्या में शामिल दूसरे लोगों को देने की बात उनके वकील फ़िल स्टैकहाउस के बयान के दौरान सामने आई। मुक़दमे की सुनवाई के सिलसिले में पहला बयान सोमवार को दर्ज कराया गया।
साज़िश
वकील का कहना था कि सार्जेंट गिब्स मानते हैं कि हत्या लड़ाई के दौरान हुई और मामले के दूसरे आरोपियों ने उनके ख़िलाफ़ साज़िश रची है। इन सभी के ख़िलाफ़ कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया चल रही है।
सेना के वकील कैप्टन डैन मज़ोन ने कहा कि गिब्स ने ये हत्याएं जानबूझकर कीं और वो ऐसा करने का मन बना चुके थे। डैन मज़ोन ने आरोप लगाया कि गिब्स के नेतृत्व में एक ग्रुप ने उस सैनिक पर भी हमला किया था जिसने सेना की टुकड़ी में नशीली दवाओं के सेवन की शिकायत की थी। सेना के वकील ने कहा कि गिब्स ने उस सैनिक को धमकी भी दी थी।
हत्या की योजना
दल के तीन सदस्यों ने जूर्म क़बूल कर लिया है और गिब्स के ख़िलाफ़ इस बात की गवाही देने के लिए तैयार हो गए हैं कि हत्या की योजना उन्हीं की थी। साथ ही उन्होंने ऐसी योजना भी तैयार की जिससे लगे कि सही मायनों मे सैनिकों और दूसरे पक्ष के बीच कार्रवाई हुई है।
सार्जेंट गिब्स पर आरोप है कि पहला अफ़ग़ानी नागरिक जिस ग्रेनेड से मारा गया वो उन्होंने ही दिया था। कंधार में खेत में काम कर रहे इस किसान की 'हत्या' जनवरी 2010 में हुई थी। बाद मे दो और लोगों को इसी तरह 'मारा' गया था। अगर आरोप सिद्ध हो जाता है तो उन्हें उम्र क़ैद की सज़ा हो सकती है।
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