कानपुर(ब्यूरो)। किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषक उत्पादन संगठन व किसानों की मौजूदगी में थर्सडे को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए)में ड्रोन तकनीक प्रदर्शन किया गया। आईआईटी के इंजीनियर ने ड्रोन उड़ाकर 10 लीटर की टंकी में उपलब्ध नैनो यूरिया उर्वरक का छिडक़ाव किया और किसानों को ड्रोन तकनीक के फायदे गिनाए। इसका शुभारंभ चीफ गेस्ट कमिश्नर डा। राजशेखर व सीएसए के कुलपति डीआर ङ्क्षसह ने किया।
10 लाख कीमत निर्धारित की गई
आईआईटी कानपुर व कृषि विभाग के संयुक्त तत्वावधान में वे टू प्रेसीजन एग्रीकल्चर के अंतर्गत यह प्रदर्शन किया गया। आईआईटी के सुब्रमण्यम ने किसानों व कृषक उत्पादन संगठन के प्रतिनिधियों को बताया कि ड्रोन व सहयोगी उपकरणों सहित वर्तमान में 10 लाख रुपये की कीमत निर्धारित की गई है। आईआईटी स्टार्टअप कंपनियों की सहायता से ड्रोन का निर्माण कराएगी। कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि ड्रोन एवं उसके सहायक यंत्रों के खरीदने पर 75 प्रतिशत अथवा अधिकतम सात लाख 75 हजार जो कम हो देय होगा।
बैटरी क्षमता बढ़ाने दिया सुझाव
कमिश्नर डा। राजशेखर ने बताया कि कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से ड्रोन का प्रयोग कर प्रधानमंत्री के सपनों को साकार किया जाएगा। उन्होंने आईआईटी के विशेषज्ञों से ड्रोन की बैटरी की क्षमता बढ़ाने व ड्रोन के सर्विस सेंटर की स्थापना कराने के लिए भी सुझाव दिया। इस मौके पर सिस्टमैटिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के अध्यक्ष महेंद्र बहादुर ङ्क्षसह, संयुक्त कृषि निदेशक डीके ङ्क्षसह, उप कृषि निदेशक अरुण कुमार, निदेशक प्रसार समन्वयक डा। एके ङ्क्षसह, कुलसचिव डा। सीएल मौर्य उपस्थित रहे।
एक घंटे मे करीब चार हेक्टेयर का छिडक़ाव
ड्रोन के माध्यम से किसान एक घंटे में करीब 4 हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि रक्षा रसायनों एवं उर्वरकों का छिडक़ाव कर सकते हैं। कृषि उत्पादक संगठनों को इंदिरा गांधी उड्डयन अकादमी फुरसतगंज रायबरेली अथवा इफको कृषि ड्रोन प्रशिक्षण से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा।