अभी तक संयुक्त राष्ट्र ने इसे केवल आपात स्थिति ही कहा था लेकिन अब उसका कहना है कि कम से कम एक करोड़ लोग इस अकाल से प्रभावित हैं। ये पिछले साठ सालों में सबसे भंयकर अकाल है।
नैरोबी से बीबीसी के मध्य अफ्रीका संवाददाता विल रॉस के मुताबिक़ दक्षिण सोमालिया के दो प्रांतों में सूखा घोषित किया जाएगा। ये घोषणा संयुक्त राष्ट्र को मिले ताज़ा आँकड़ों पर आधारित है जिससे ये पता चला है कि कम से कम 30 प्रतिशत बच्चे भंयकर कुपोषण के शिकार हैं।
पर्याप्त मदद
शिशु और मातृ मृत्यु दर में काफ़ी तेज़ी आई है। पानी और खाने की भंयकर किल्लत भी है। उम्मीद की जा रही है कि इस ख़बर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय आगे आकर मदद करेगा।
सहायता एजेंसियों के अनुसार अब तक इस संकट से निपटने के लिए पर्याप्त मदद नहीं मिली है। इस अकाल के दूसरे इलाक़े में भी फैलने का ख़तरा है। सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाक़े इस्लामी चरमपंथी गुट अल शबाब के अधिकार क्षेत्र में हैं।
इस गुट ने हाल ही में विदेशी सहायता एजेंसियों पर से प्रतिबंध हटा लिया है लेकिन ज़रूरतमंदों तक मदद पंहुचाना अब भी आसान नहीं होगा। सहायता एजेंसी ऑक्सफ़ैम का कहना है कि अगर लोगों को मौत के मुंह से बचाना है तो समय बर्बाद किए बग़ैर तुरंत कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।
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