आरोप था कि उन्होंने वर्ष 2009 में रूस के साथ गैस समझौते पर दस्तख़त करते समय अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया। युलिया टिमोशेन्को ने कहा है कि उन पर राजनीति से प्रेरित होकर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा है कि वे अपनी सज़ा के ख़िलाफ़ अपील करेंगी और अपनी आख़िरी साँस तक यूक्रेन के लिए संघर्ष करेंगी।
यूरोपीय संघ ने इस फ़ैसले पर निराशा जताई है और कहा है कि जिस तरह इस मामले में यूक्रेन की सरकार ने कार्रवाई की है, उससे उसके यूरोपीय संघ में शामिल होने को लेकर उल्टा प्रभाव पड़ सकता है।
विरोध
टिमोशेन्को के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले रूस के प्रधानमंत्री व्लादीमिर पुतिन ने कहा है कि वे ये नहीं समझ पा रहे हैं कि टिमोशेन्को को जेल क्यों भेजा गया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने भी इस फ़ैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि ये फ़ैसला रूस विरोधी परिप्रेक्ष्य में आया है।
जिस समय टिमोशेन्को के ख़िलाफ़ फ़ैसला सुनाया जा रहा था, उस समय अदालत के बाहर बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे। इनमें टिमोशेन्को के समर्थक और विरोधी भी थे।
अपने फ़ैसले में जज रोडियन किरेयेव ने कहा है कि टिमोशेन्को को 18.6 करोड़ डॉलर की राशि भी देनी होगी, क्योंकि इस समझौते के कारण सरकार को नुक़सान उठाना पड़ा है।
वे तीन साल तक कोई राजनीतिक पद भी नहीं संभाल पाएँगी। इस पाबंदी के कारण अगले साल होने वाले संसदीय चुनाव में उनकी भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं।
International News inextlive from World News Desk