कानपुर (ब्यूरो)। जूही इलाके में 62 दिन से पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। भीषण गर्मी में पानी की एक-एक बूंद के लिए करीब दो हजार लोग तरस रहे है। हर दिन सुबह व शाम पानी के लिए लाइन लग रही है और एक बाल्टी पानी के लिए मारामारी हो रही है। जलकल का डोर टू डोर का दावा भी यहां फेल नजर आ रहा है। वहीं रही सही कसर मेट्रो ने पूरी कर दी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मेट्रो निर्माण के चलते सप्लाई लाइन टूट गई। जिससे कई दिनों से सप्लाई प्रभावित है।

एक घंटे में खाली हो जाता टैकर
जूही स्वेदशी काटन मिल एरिया में पानी की किल्लत को पूरी करने के लिए हर दिन दो टैकर भेज रहा है। हालांकि यह टैकर महज एक घंटे में खाली हो जाते है। सुबह 9 बजे और फिर शाम 4.30 बजे टैकर से पानी की सप्लाई की जा रही है। हालांकि सप्लाई पूरी नहीं हो पा रही है। आस-पास के घरों में लगे सबमर्सिबल के जरिए लोगों की प्यास बुझाने का प्रयास किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जूही इलाके में बुनियादी सुविधाओं को पूरी तरह से अभाव है। शुद्ध पेय जल की सप्लाई के साथ-साथ एरिया में बिजली कटौती से भी लोग परेशान है।

टैक्स वसूल रहे, सप्लाई नहीं मिल रही
स्थानीय लोगों का आरोप है कि तीन हजार से लेकर सात हजार तक लोगों से वाटर टैक्स हर वर्ष वसूला जा रहा है, जबकि कई मकानों में पानी का कनेक्शन तक नहीं है। ऐसे करीब तीन सौ मकान है। जिसमें रहने वाले दो हजार लोग काफी दिनों से वाटर क्राइसिस से परेशान है। वाटर क्राइसिस से परेशान स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत कई बार पार्षद से भी की है। पार्षद शालू कनौजिया का कहना है कि मेट्रो निर्माण के चलते कई बार पानी की सप्लाई लाइन टूट जाती है जिससे एरिया में वाटर क्राइसिस होता है। पार्षद ने मेट्रो के खिलाफ पुलिस से भी लिखित शिकायत की है।