कानपुर (ब्यूरो) पीडि़त लॉकर होल्डर रमा अवस्थी 24 मार्च को बैंक में लॉकर चेक करने आई थीं। लॉकर खोलने पर उसमें रखे जेवर गायब मिले। उन्होंने तुरंत बैंक अधिकारियों और पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की। रमा ने आखिरी बार लॉकर 4 फरवरी 2020 को ऑपरेट किया था। तब सब कुछ ठीक था। करीब एक हफ्ते पहले 24 मार्च को जब वह लॉकर चेक करने आईं तो चाभी लगाने के बाद लॉक घूमता चला गया। लॉकर खुला तो डेढ़ करोड़ रुपये के जेवर गायब थे। पुलिस ने 18 महीने की फुटेज चेक की तो लॉकर मेंटिनेंस करने वाले युवक की भूमिका संदिग्ध मिली। जिसके बाद पुलिस ने रायपुरवा निवासी रोहित शुक्ला को गिरफ्तार कर जेवर बरामद कर लिए। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदण्ड ने खुलासा करने वाली टीम को एक लाख रुपये का ईनाम दिया है।

ऐसे हुआ वारदात का खुलासा
जानकारी करने पर पता चला कि रायपुरवा निवासी रोहित शुक्ला बैैंक में लॉकर मेंटिनेंस का काम करता है। रोहित ने बताया कि जब भी उसे लॉकर ठीक करने बुलाया जाता था तो खराब लॉकर को ठीक करने के साथ ही दूसरे लॉकरों को तोडक़र उनमें रखा हुआ सामान अपने बैग में रख लेता था। लॉकर ठीक करने वाला समझकर कोई उस पर शक भी नहीं करता था। रोहित ने बताया कि लॉकर से चोरी किए गए डेढ़ करोड़ रुपये के जेवर उसके घर में रखे हैैं। रोहित को पुलिस ने यशोदा नगर से गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर चोरी के जेवर भी बरामद कर लिए।

दूसरी बैैंकों के लॉकर से भी
रोहित गोदरेज कंपनी में काम करता है। वह दूसरे बैैंकों के लॉकर का भी मेंटिनेंस करता है। पुलिस के मुताबिक इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि रोहित ने दूसरी बैैंकों के लॉकर से भी चोरी की हो। जिन बैैंकों में रोहित लॉकर मेंटिनेंस के लिए जाता है, उन बैैंकों के लॉकर चेक कर जानकारी की जाएगी, रोहित ने पुलिस को बताया कि दूसरी बैैंकों के लॉकर से चोरी किया जेवर उसने ज्वैलर्स की दुकानों के साथ दूसरी दुकानों पर भी बेचे हैैं। पुलिस इसकी जानकारी कर रही है।

सीपी ने आरबीआई को लिखा पत्र
पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदण्ड ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में आरोपी रोहित शुक्ला अकेले वारदात को अंजाम देता नजर आया है। उसे लॉकर मेंटिनेंस के लिए बैैंक अधिकारियों ने बुलाया था। नियमानुसार एक बाहर के व्यक्ति और तीन बैैंक अधिकारियों की कमेटी बनाई जानी चाहिए जो मेंटिनेंस के दौरान मौैजूद रहे। इस मामले में कोई बैैंक अधिकारी सीसीटीवी फुटेज में मौजूद नहीं दिखा, लिहाजा आरबीआई को इस संबंध में पत्र लिखा जाएगा और बैैंक कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।

गिरफ्तार करने वाली टीम
इंस्पेक्टर नौबस्ता संजय कुमार पाण्डेय, इंस्पेक्टर राम आसरे त्रिपाठी, एसएसआई जमाल अहमद, सब इंस्पेक्टर पवन कुमार मिश्रा, जयवीर सिंह, नितिन कुमार, हेड कांस्टेबिल हरगोविंद सिंह, कांस्टेबिल सत्येंद्र सिंह, सौरभ पाण्डेय, मनोज कुमार शामिल रहे। टीम ने रोहित की निशानदेही पर ढाई किलो सोना, 5 किलो चांदी, दूसरे मुकदमे में 131 ग्राम सोना और 1286 ग्राम सोना, 1063 ग्राम चांदी बरामद की है।

पहले भी भूमिका मिली थी संदिग्ध
एक साल पहले फीलखाना स्थित सेंट्रल बैैंक में भी 18 लॉकर टूटने की घटना हुई थी। अलग-अलग दिनों में हुई जानकारी के बाद जांच में लॉकर मेंटिनेंस कर्मी की भूमिका संदिग्ध आई थी। इस मामले में बैैंक प्रबंधन को कस्टमर्स को सैटिस्फाइड करना पड़ा था।


छह दिन के अंदर डीसीपी साउथ सलमान ताज पाटिल की टीम ने वारदात का खुलासा कर माल बरामद कर लिया है।
बीपी जोगदण्ड, पुलिस कमिश्नर कानपुर कमिश्नरेट