कानपुर(ब्यूरो)। विकास नगर डिपो की रोडवेज बस में शनिवार दोपहर रावतपुर में अचानक आग लग गई। बस धू धू कर जलने लगी। शुक्र था कि उस वक्त बस में कोई सवारी नहीं थी। पता चला कि तार में स्पार्किंग के कारण आग लगी थी। इससे पहले भी एसी व नॉन एसी बसों में आग की घटनाएं हो चुकी हैं। इसका कारण जानने के लिए संडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने झकरकटी बस अड्डे पर विकास नगर, किदवई नगर, फजलगंज डिपो की कई बसों का रियलिटी चेक किया। दो दर्जन से अधिक बसों का हाल देखने और ड्राइवर से बात करने पर पता चला कि प्रॉपर मेंटिनेंस न होने से ये घटनाएं हो रही हैं। स्टेयरिंग के पास खुले तारों का जाल फैला मिला। वायर के जोड़ में टेप तक नहीं लगा होता है। जिससे स्पार्किंग होने की आशंका बनी रहती है। वहीं आग लगने की स्थिति में उसे बुझाने के इंतजाम भी बस में नहीं हैं।

किदवई नगर डिपो की जनरथ एसी बस: यूपी 78 एफएन 7381
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने बस के अंदर जाकर रियलिटी चेक किया तो बस में फायर एक्सिटिंग्यूशर तो रखा हुआ था लेकिन उसमें न तो एक्सपायरी डेट पड़ी थी। ने ये लिखा था कि आखिरी बार कब चेक किया गया था। सिलेंडर की पिन पर जंग लगी हुई थी। इससे साफ हो गया कि इमरजेंसी में यह काम नहीं आएगा।

किदवई नगर डिपो की एसी जनरल बस-यूपी 78 एफएन 5468
डीजे आईनेक्स्ट टीम ने बस के अंदर जाकर चेक किया तो सिलेंडर निर्धारित स्थान पर नहीं रखा हुआ था। ड्राइवर के सीट के नीचे फायर एक्स्सिटिंग्यूशर रखा हुआ था। जिसको निकलने का प्रयास किया गया लेकिन वह नहीं निकला। इसके अलावा फस्र्ट एड बॉक्स में मेडिकल संबंधित एक भी सामान नहीं रखा था। जिससे इमरजेंसी के दौरान पैसेंजर्स को प्राथमिक उपचार मुहैया कराया जा सके।

फजलगंज डिपो की नॉन एसी बस, यूपी 77 एएन 1488
झकरकटी बस अड्डे से जयपुर के लिए चलने वाली किदवई नगर डिपो की इस बस में फायर एक्सिटिंंग्यूशर तो रखा हुआ था लेकिन वह खाली पड़ा हुआ था। इसके अलावा स्टेयरिंग के पास वायर खुले पड़े हुए थे। कई जगह वायर के ज्वाइंट में टेप तक नहीं लगाया गया था। जो स्पार्किंग होकर बस में आग लगने का कारण बन सकते हैं।

विकास नगर डिपो की नॉन एसी बस-यूपी 77 एएन 1256
विकास नगर डिपो की नॉन एसी बस में फायर सिलेंडर की स्थित देखकर डीजे आईनेक्स्ट की टीम आश्चर्यचकित रह गई। बस में फायर कंट्रोल सिलेंडर की पिन टूटी हुई थी। यानि फायर कंट्रोल सिलेंडर का होना या न होना बराबर था। देखने में साफ पता चला रहा था कि यह आग के दौरान किसी काम नहीं आएगा। इसके अलावा बस में फस्र्ट एड बॉक्स खाली पड़ा हुआ था।

उन्नाव डिपो की बस: यूपी 35 टी 9181
उन्नाव डिपो की नॉन एसी बस में टीम पहुंची तो आंखें खुली रह गई। बस में फायर कंट्रोल सिलेंडर यानि फायर एक्सिटिंग्यूशर ही नहीं था। ड्राइवर से पूछा गया कि अगर आग लगेगी तो बुझाने के लिए क्या करोगे? तो उसका कहना था कि पानी से आग बुझाने का प्रयास करेंगे और पुलिस को फोन कर मामले की सूचना देकर हेल्प मांगेंगे।

हरदोई डिपो की बस: यूपी 30 टी 5181
इस बस में भी आग बुझाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। बस में फायर कंट्रोल सिलेंडर सिर्फ दिखावे के लिए रखा हुआ था। उसे देखने में साफ समझ में आ रहा था कि सिलेंडर सालों पुराना है। उसमें पेंट तक नहीं किया गया है। न कोई चेकिंग डेट थी न एक्सपायरी डेट। इसके अलावा स्टेयरिंग के पास वायर जाल की तरह खुले पड़े हुए थे।

600 बसें कानपुर रीजन में संचालित होती हैं
1000 बसों का झकरकटी में डेली आवागमन
30 हजार से अधिक पैसेंजर्स डेली करते सफर
30 जनरल एसी बसें भी चलती है कानपुर में
6 से अधिक आग की घटनाएं रोडवेज बसों में

डिपो में बसों का मेंटीनेंस में किसी प्रकार की कोई लापरवाही न बरतने के आदेश पहले से हैं। अगर ऐसा हो रहा है तो मामले की जांच कर दोषियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
लव कुमार, आरएम, रोडवेज, कानपुर रीजन