-कॉमर्शियल डीएल के लिए जरूरी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट के नाम पर चल रहे खेल पर लगेगी लगाम
-सिर्फ ट्रेनिंग सर्टिफिकेट से नहीं चलेगा काम, ट्रेनिंग का वीडियो बनाकर मुख्यालय भेजना होगा
- मनचाहा पैसे वसूलकर ट्रेनिंग दिए बिना ही थमा देते थे सर्टिफिकेट, जारी हो जाता था डीएल
KANPUR (26 Sept): रोड एक्सीडेंट और मौतों के मामले में कानपुर प्रदेश में नंबर वन पर है। इन हादसों की एक बड़ी वजह कॉमर्शियल वाहन बनते हैं। क्यों कि कई बार इन वाहनों की स्टीयरिंग अनटे्रंड हाथो में होती है। ट्रक और अन्य हैवी कॉमर्शियल वाहनों को चलाने के लिए एक्सपीरियंस और ट्रेनिंग सर्टिफिकेट देखकर आरटीओ ड्राइविंग लाइसेंस जारी करता है, लेकिन कुछ दिनों से शिकायतें मिल रही हैं कि ट्रेनिंग सर्टिफिकेट में जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। स्कूल संचालक मनचाहे दाम वसूलकर आसानी से सर्टिफिकेट थमा देते थे। लेकिन, अब इस पर रोक लगाने की कवायद की जा रही है।
कैसे लगेगी खेल पर रोक?
कॉमर्शियल डीएल ट्रेनिंग स्कूल को अब एप्लीकेंट्स को दी जाने वाली ट्रेनिंग की वीडियो क्लिपिंग बनानी होगी। इसे आरटीओ से शेयर करनी होगी। डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने यह आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि यह पारदर्शिता बढ़ाने और कॉमर्शियल डीएल लेने वाले एप्लीकेंट्स को ट्रैफिक रूल्स की जानकारी हो इसलिए किया जा रहा है।
मुख्यालय भेजनी होगी क्लिपिंग?
कानपुर आरटीओ में तैनात आरआई ने बताया कि ट्रेनिंग का वीडियो बनाना होगा। फिर ऑनलाइन आरटीओ को भेजने का आदेश दिया गया है। यह वीडियो मुख्यालय भी भेजा जाएगा।
कमर्शियल डीएल के लिए क्या हैं शर्ते?
- तीन साल पुराना होना चाहिए डीएल
- एक माह की ट्रेनिंग का है नियम
- ट्रैफिक रूल्स की दी जाती जानकारी
- ट्रेनिंग सर्टिफिकेट के बाद जारी होता है डीएल
दो पीयूसी सेंटर्स सस्पेंड
आरटीओ में तैनात आरआई ने बताया कि सिटी के निर्धारित पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल टेस्टिंग सेंटर्स के ऑनलाइन काम न करने की शिकायत मिली थी। इसकी जांच डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर एके त्रिपाठी ने कराई। जांच के दौरान उनको सिटी के दो पीयूसी सेंटर्स में अनियमितता मिली। उन्होंने दोनों पीयूसी सेंटर्स के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए हैं। आरआई के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए शासन के दिए गए आदेशानुसार काम किए जा रहा है.
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ऑनलाइन कनेक्ट रहेंगे पीयूसी सेंटर्स
आरटीओ प्रशासन संजय सिंह के मुताबिक, सिटी में एक दर्जन से अधिक पीयूसी सेंटर्स रजिस्टर्ड हैं। जिनको ऑनलाइन मुख्यालय से कनेक्ट रहकर ही काम करने के आदेश दिए गए है। पीयूसी सेंटर्स में व्हीकल के लिए बनाया जाने वाला पीयूसी सर्टिफिकेट कंप्यूटराइज ही होगा। बीते दिनों सिटी के कई पीयूसी सेंटर्स में मैनुअल सर्टिफिकेट देने की शिकायत मिली थी.जिस पर अंकुश लगाने के लिए लगातार पीयूसी सेंटर्स की औचक जांच भी की जा रही है।
आंकड़े
- 6 कामर्शियल डीएल ट्रेनिंग स्कूल
-1 रोडवेज का ट्रेनिंग स्कूल
- 12 पीयूसी सेंटर्स कानपुर में
- 2 पीयूसी सेंटर्स के लाइसेंस सस्पेंड
कोट
कमर्शियल डीएल के ट्रेनिंग सर्टिफिकेट में होने वाले फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने ट्रेनिंग की वीडियो क्लीपिंग बनाकर आरटीओ से शेयर करने का आदेश स्कूल संचालकों को दिया है। सड़क हादसों पर अंकुश लगाना इसका मकसद है।
संजय सिंह, आरटीओ प्रशासन