कानपुर(ब्यूरो)। पुलिस विभाग के रिसर्च और डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने के लिए एक नई तरह के स्मार्ट बैरियर डिजाइन किए है। जिसमें टकराने से वाहन सवारों को गंभीर चोट नहीं लगेंगी। इसके साथ ही ट्रैफिक विभाग को लोहे व सीमेंट के बैरियर की अपेक्षा इसको कैरी करना काफी आसान होगा। नए बैरियर की खासियत बताते हुए एडीसीपी ट्रैफिक राहुल मिठास ने कहाकि यह बैरियर प्लास्टिक के होते हैं। वेटेड करने के लिए इसमें पानी भरा जाता है। जिससे आम पब्लिक इसको इधर से उधर न कर सके।

रेड कलर होने से दूर से दिखाई देता
एडीसीपी ट्रैफिक राहुल मिठास ने बताया कि मुख्यालय से दो डिजाइन के बैरियर आए है। जिसमें एक न्यू जर्सी और दूसरा जर्सी बैरियर है। दोनो की डिजाइन अलग-अलग है। उन्होंने बताया कि इसकी खास बात यह है कि यह रेड कलर का होने की वजह से ड्राइवर को रात में भी दूर से दिखाई दे जाता है। लोहे के पुराने बैरियर जिनकी रेडियम पट्टïी ्रखराब हो जाती है वह दूर से नहीं दिखाई देते हैं।

डिवाइडर व फ्री लेफ्ट जोन में लगाए जाते
कानपुर के विभिन्न चौराहों व तिराहों में इन नए बैरियर को डिवाइडर, फ्री लेफ्ट जोन व स्लीप वे बनाने के लिए यूज किया जा रहा है। ट्रैफिक विभाग के ऑफिसर्स के मुताबिक न्यू जर्सी बैरियर का यूज डिवाइडर बनाने में किया जाता है। वहीं जर्सी बैरियर का यूज स्लीप-वे और फ्री लेफ्ट जोन बनाने में किया जाता है। जर्सी बैरियर, न्यू जर्सी बैरियर की अपेक्षा कम स्पेस लेता है ताकि चौराहे पर आसानी से वाहन निकल सके।

हाईलाइट्स
- अभी मुख्यालय से 500 न्यू जर्सी बैरियर आ चुके है
- जिनको शहर के कई स्थानों पर लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है
- 2 हजार प्लास्टिक कोन व स्प्रिंग पोस्ट पोल भी आए, चौराहों व तिराहों पर लग रहे
- न्यू जर्सी बैरियर की 1 हजार की दूसरी खेप और कानपुर में आनी है।
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ट्रैफिक पुलिस को मिले
- 500 न्यू जर्सी बैरियर
- 500 जर्सी बैरियर
- 2000 प्लास्टिक कोन
- 2000 स्प्रिंग पोस्ट पोल

इन स्थानों पर लगेगें
झकरकटी बस अड्डे स्थित जीटी रोड पर, गुमटी नंबर पांच चौराहा, कल्याणपुर क्रासिंग, गुरुदेव चौराहा, पीएसी मोड़, राकेट तिराहा, अफीमकोठी, गोविंदनगर, यशोदानगर, पनचक्की चौराहा, मुरे कंपनी, नरौना चौराहा

&& न्यू जर्सी बैरियर व जर्सी बैरियर से टकरा कर वाहन सवार को चोट लगने की आशंका न के बराबर होती है, गाड़ी भी क्षतिग्रस्त नहीं होती है। सबसे बड़ी बात इसको कैरी करना काफी आसान होता है। कानपुराइट्स की सुविधा को देखते हुए उनको चौराहों पर लगाया जा रहा है.&य&य
राहुल मिठास, एडीसीपी ट्रैफिक