कानपुर(ब्यूरो)। यशोनगर निवासी दीपू अपनी पत्नी के साथ बाइक से मेस्टन रोड से खरीदारी करके घर लौट रहे थे। अभी घर पहुंचे भी नहीं थे कि उनके मोबाइल पर मैसेज आया। मैसेज देखते ही उनके होश उड़ गए। मैसेज ट्रैफिक विभाग की तरफ से उनके वाहन का चालान होने का था। टाटमिल चौराहा पर बिना हेलमेट और गाड़ी के डाक्यूमेंट कम्प्लीट न होना चालान की वजह लिखी थी। जबकि दीपू हेलमेट लगाए थे और सारे डॉक्यूमेंट भी कंपलीट थे। परेशान दीपू अपने वाहन के सभी डाक्यूमेंट लेकर ट्रैफिक विभाग पहुंचे। जांच में पता चला कि मानवीय गलती से उनकी गाड़ी का चालान हो गया है जिसके बाद उनका चालान कैंसिल कर दिया गया। ट्रैफिक विभाग की तरह से इस तरह की मानवीय और टेक्निकल फॉल्ट के कारण रोजाना गलत हो रहे हैं। अगर आपका भी इस तरह का चालान हुआ तो टेंशन लें, अब ट्रैफिक विभाग खुद अपनी गलती सुधार कर इस तरह के चालान कैंसिल करेगा। जिसका मैसेज भी मोबाइल पर आएगा।

चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे
डीसीपी ट्रैफिक रवीना त्यागी ने बताया कि आईटीएमएस में एक्सपर्ट टीम का गठन किया है। टीम आईटीएमएस से व ऑनलाइन किए गए चालान को चेक कर मानवीय गलती से हुए गलत चालान को चिन्हित कर उसे खुद कैंसिल करेगी। इससे कानपुराइट्स को चालान कैंसिल कराने के लिए ट्रैफिक पुलिस लाइन के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। एक मई से यह टीम काम कर रही है। अब तब बड़ी संख्या में गलत हुए चालान कैंसिल किए जा चुके हैं।

612 चालान किए कैंसिल
ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कानपुराइट्स की समस्या को देखते हुए टीम का गठन किया है। बीते तीन सप्ताह में 600 से अधिक चालान को कैंसिल किया गया है। जोकि मानवीय गलती से हो गए थे। कई बार फर्जी नंबर प्लेट वाहनों में लगाकर चलने वाले लोगों का ऑनलाइन चालान कटने पर चालान का मैसेज उस व्यक्ति के पास पहुंचता है, जिसके वाहन का असली नंबर होता है। लिहाजा शिकायत मिलने और जांच के बाद ऐसे चालानों को कैंसिल कर दिया जाता है।
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रोजाना 7 से 10 केस
डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक डेली आईटीएमएस से 100 से अधिक चालान होते हैं। वहीं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 500 से अधिक चालान ऑनलाइन होते हैं। रिव्यू में पाया गया कि डेली दो से तीन परसेंट के बीच यानि लगभग 10 गलत चालान एक्सपर्ट टीम की जांच में सामने आते हैं। जिनको डिपार्टमेंट की तरफ से कैंसिल कर दिया जाता है। इसके बाद बचे चालान को कोर्ट भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है।
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यह गलती होती है
- फर्जी नंबर प्लेट के कारण होने वाले चालान
-फोर व्हीलर का बिना हेलमेट के कारण चालान
- बाइक का सीट बेल्ट न होने पर चालान
- रेड लाइट व स्टॉप लाइन जम्पिंग के चालान
- नो पार्किंग को लेकर किए गए चालान

चालान से बचने को फर्जी नंबर प्लेट
सिटी में 24 से अधिक ऐसे वाहन ऐसे चल रहे हैं। जोकि ई-चालान से बचने के लिए दूसरे वाहनों की नंबर प्लेट अपने वाहनों में फर्जी तरीके से लगाए है। इसका खुलासा तब हुआ जब ओरिजनल वाहन मालिक शिकायत करने ट्रैफिक डिपार्टमेंट पहुंचे। जांच पर पता चला कि चालान होने वाली गाड़ी बाइक है। जबकि उनमें नंंबर स्कूटी या फिर ऑटो का लगा हुआ है। ट्रैफिक पुलिस ऐसे वाहनों की तलाश कर रही है।
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कानपुराइट्स को बिना वजह हो रही परेशानी को देखते हुए एक्सपर्ट की टीम बनाई गई है। जो टेक्निकल व मानवीय गलती की वजह से होने वाले गलत चालानों को कैंसिल करेगी। टीम ने काम शुरू कर दिया है। जिसके बाद शिकायतकर्ताओं की संख्या में काफी कमी आई है।
रवीना त्यागी, डीसीपी ट्रैफिक