- प्रेसीडेंट के जाने के दौरान शहर में सिक्यूरिटी रही टाइट, रुक रुक कर छोड़े गए वाहन

- मुरे कंपनी पुल के नीचे से प्रेसीडेंट की ट्रेन गुजरने के दौरान चलता रहा ट्रैफिक

kanpur : तीन दिन कानपुर प्रवास के बाद प्रेसीडेंट अपनी जन्मस्थली की भीनी भीनी यादें लेकर लखनऊ के लिए प्रेसीडेंशियल ट्रेन से रवाना हुए। प्रेसीडेंट राम नाथ कोविन्द, उनकी पत्‍‌नी सविता कोविन्द और बेटी स्वाति को लेकर प्रेसिडेंशियल ट्रेन लखनऊ रवाना हुई। इस दौरान औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और महापौर प्रमिला पांडेय भी मौजूद रहीं। इससे पहले एमएलसी सलिल विश्नोई भी सर्किट हाउस में राष्ट्रपति से मिले। स्टेशन से विदा होने के दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों को थैंक्यू कहा। अधिकारियों ने भी उन्हें विदाई दी और जल्द ही एक बार फिर कानपुर आने के लिए इनवाइट किया।

पुल के दौनों अोर फोर्स

सोमवार सुबह राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द सर्किट हाउस से सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। इसके बाद उन्हें लेकर प्रेसीडेंशियल ट्रेन लखनऊ के लिए रवाना हुई, लेकिन इस बार पुलिस ने तीन दिन पहले गो¨वदपुरी रेलवे ओवरब्रिज पर ट्रैफिक रोके जाने से महिला उद्यमी वंदना मिश्रा की मौत से सबक लिया। ट्रेन मुरे कंपनी रेलवे ओवरब्रिज के नीचे से गुजरी, लेकिन पुल के ऊपर यातायात नहीं रोका गया। सुरक्षा की दृष्टि से ओवरब्रिज के दोनों ओर पुलिस फोर्स तैनात रहा। एहतियात किसी भी वाहन या व्यक्ति को पुल पर रुकने नहीं दिया गया। डीसीपी ट्रैफिक बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि केवल एक मिनट तक मुरे कंपनी पुल के ऊपर रेलवे ब्रिज वाले हिस्से के दोनों तरफ उस वक्त वाहन रोके, जब राष्ट्रपति की ट्रेन पुल के नीचे आ गई थी।

नहीं खोलने दीं दुकानें

राष्ट्रपति की ट्रेन मंडे सुबह करीब साढ़े 10 बजे मुरे कंपनी पुल के नीचे से गुजरी। सुरक्षा के लिए ट्रैक के किनारे सिविल पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान काफी संख्या में मौजूद रहे। सतर्कता इतनी थी कि ट्रैक के पास हरबंसा मोहाल रोड पर स्थित दुकानों को भी पुलिस ने खोलने की इजाजत नहीं दी थी। सुतरखाना से मुरे कंपनी पुल के नीचे होते हुए जयपुरिया क्रॉ¨सग वाले मार्ग पर भी आवागमन रोक दिया गया था। ट्रेन आने से 10 मिनट पूर्व जयपुरिया क्रॉ¨सग से 50 मीटर पहले दोनों तरफ बैरियर लगाकर वाहन रोके गए थे। इसी तरह कैंट से खपरा मोहाल पुल की ओर भी वाहनों को फ्लीट गुजरने से पहले रोका गया। कैंट एरिया में जहां आर्मी ने मोर्चा संभाला तो बाहर पुलिस, कमांडो और स्नाइपर्स ने अपनी अपनी जिम्मेदारी संभाली। खपरा मोहाल से रेलवे स्टेशन तक पूरे रास्ते पर पुलिस अधिकारियों के साथ कमांडो, स्नाइपर्स, रूफ टॉप ड्यूटी पर तैनात रहे।

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कुछ कड़वी तो कुछ मीठी यादें

राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और बेटी लंबे समय बाद परिवार से मिले, बड़ों से आशीर्वाद लिया। छोटों का प्यार और दोस्तों का स्नेह लिया। पुराने दोस्तों से मिलकर यादें ताजा कीं। स्टूडेंट लाइफ से लेकर पॉलिटिकल कैरियर और फिर घर गांव की मिट्टी की खुशबू। वहीं शहर में वंदना मिश्रा के निधन और खराब ट्रैफिक व्यवस्था की असलियत भी उनके सामने आ गई। दो बार कंट्रोल रूम और पायलट कार का तारतम्य न बैठ पाने की वजह से उनके दौरे में कुछ कड़वी यादें भी जुड़ गईं। हालांकि इन्हीं कड़वी यादों का खामियाजा शहर के एक सीनियर अधिकारी को भुगतना पड़ा। उन्हें खूब खरी खोटी तो सुनाई ही गईं साथ ही लखनऊ में शिकायत करने की बात भी कही गई। वहां मौजूद लोगों की माने तो अधिकारी सिर्फ सॉरी कहकर रह गए।