- नए सेशन से बीएड और एमएड कॉलेजों में पढ़ाने का तरीका बदलेगा
- ई-कंटेंट पर चलेंगी बीएड व एमएड की क्लासेस
KANPUR: अब ट्रेडिशनल क्लासेस नहीं लगेंगी। नए सेशन 2021-22 से बीएड और एमएड कॉलेजों में पढ़ाने का तौर तरीका बदलेगा। ई कंटेंट पर बीएड और एमएड की क्लासेस लगेंगी। दरअसल, एजूकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से अब टेक्निकल एजूकेशन जोड़ दी गई है। ट्रेडिशनल क्लासेस से एक कदम आगे बढ़कर नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने कालेजों से आनलाइन टी¨चग को प्राथमिकता पर रखा है।
ऑनलाइन लेक्चर का मांगा प्लान
नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने कालेजों से आनलाइन लेक्चर को लेकर प्लान मांगा है। सीएसजेएम यूनिवर्सिटी समेत देश के विभिन्न बीएड कालेजों में लगने वाली क्लासेस में पढ़ाने का तरीका, लेसन प्लान, 'को-करकुलर एक्टिविटी' यह सभी कार्य अब आनलाइन कराए जा सकेंगे।
15 हजार बीएड कॉलेज
देश में करीब 15 हजार बीएड कॉलेज हैं जबकि प्रदेश में बीएड कॉलेजों की संख्या करीब दो हजार तीन सौ है। वहीं सीएसजेएमयूय में बीएड कालेजों की संख्या 100 के करीब है। यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड बीएड कालेजों में 17 हजार से अधिक स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। यूपी स्ववित्त पोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि कोरोना काल में अगर कालेज खुलते भी हैं तब भी 50 परसेंट छात्र संख्या के साथ यह खोले जाएंगे। कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत छात्रों के क्लासेस में बैठने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना होगा। ऐसे में आफलाइन के साथ आनलाइन कक्षाएं चलना स्वाभाविक हैं।
स्टडी मैटेरियल की होगी स्क्रीनिंग
गांव, कस्बों व छोटे शहरों में संचालित बीएड, एमएड, बीपीएड, एमपीएड, डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन समेत अन्य शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स के छात्रों को इससे शानदार स्टडी मैटेरियल मिलेगा। देशभर की यूनिवर्सिटी व कालेजों से आने वाले स्टडी मैटेरियल की स्क्री¨नग करके उसमें से जो बेहतरीन होंगे उन स्टडी मैटेरियल को एनसीटीई अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगी। इससे दूर दराज के ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्रों में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं रिसर्च मैथोडोलाजी, टी¨चग लर्निंग प्लान, माइक्रो ट¨चग, प्रेक्टिस टी¨चग व विषयों से संबंधित व्याख्यान व लैब स्टडी ऐसे शिक्षकों से प्राप्त कर सकेंगे जो देश के नामी गिरामी यूनिवर्सिटी व कालेजों में पढ़ाते हैं।