- रेल टिकटों की दलाली में पूरे जाने में दूसरे नंबर पर है कानपुर सेंट्रल स्टेशन, तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं टूट रहा दलालों का नेटवर्क

-कुली से लेकर वेंडर तक जुडे हैं इस नेटवर्क में, शहर कई इलाकों में दलालों ने बना रखे हैं अपने अड्डे, मुंबई तक जुडे हैं तार

KANPUR : कानपुर सेंट्रल स्टेशन हर मायने में बड़ा स्टेशन है। पैसेंजर्स की संख्या से लेकर ट्रेनों के आने-जाने की संख्या भी बहुत है। इसके साथ ही पूरे एनसीआर जोन में कानपुर सेंट्रल रेल टिकट दलाली में भी दूसरे नंबर पर कुख्यात है। जहां ऑनलाइन टिकट से लेकर तत्काल की विंडो टिकट बेंचने वाले कई दलाल है। रेलवे बोर्ड ने पूरे देश में टिकट ब्रोकर्स के खिलाफ अभियान चलाया तो दलालों की धरपकड़ शुरू हो गई। दो दिन पहले आरपीएफ की क्त्राइम ब्रांच ने तीन तत्काल विंडो टिकट के साथ एक ब्रोकर को दबोचा था। उससे क्राइम ब्रांच को सिटी के लगभग आधा दर्जन रेल टिकट ब्रोकर्स की जानकारी मिली है। इसके अलावा भी शहर कई इलाकों में दलालों ने ऑफिस बना रखे हैं। जहां धड़ल्ले से टिकटें बनवा कर बेची जा रही हैं।

कई इलाकों में बनाया ठिकाना

आरपीएफ क्त्राइम ब्रांच के सोसेर्स के मुताबिक सिटी में बड़ी संख्या में गोविंद नगर, सुतरखाना व जाजमऊ समेत आधा दर्जन इलाकों में कैफे, ट्रैवल्स शॉप से रेल टिकटों की दलाली की जा रही हैं। आरपीएफ क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर अर्जुन यादव ने बताया कि सालों से टिकट दलाली करने वालों को फॉलो किया जा रहा है। उम्मीद है कि एक सप्ताह के अंदर सिटी के कई बड़े ब्रोकर्स व उनके गुर्गे सलाखों के पीछे होंगे। इसको लेकर अपने सीनियर्स को एक रिपोर्ट भेजी हैं। जिसमें आधा दर्जन बड़े ब्रोकर्स के नाम हैं।

फ्लाइट से भी आती टिकटें

कानपुर सेंट्रल स्टेशन में दो वर्ष पूर्व तैनात आरपीएफ के एक आफिसर ने बताया कि दो साल पूर्व लखनऊ में रेल टिकटों के दलालों का बड़ा गिरोह पकड़ा गया था। जिसके पास से बरामद हुए दस्तावेज में कानपुर सेंट्रल के कई कुली व रेलवे स्टाफ के भी नाम थे। उसके गैंग के सदस्य सभी बड़े स्टेशनों के आसपास सक्रिय होते हैं। जो पैसेंजर्स की डिमांड पर टिकट बुकिंग करते हैं। उनके एजेन्ट जरूरत पड़ने पर मुंबई से रेल टिकटे बनवा कर फ्लाइट से कानपुर, लखनऊ समेत आदि स्थानों में भेजते हैं।

कई कुली भी करते दलाली

कानपुर सेंट्रल स्टेशन में लगभग आधा दर्जन कुली ऐसे हैं। जो रेल टिकटों की दलाली में आरपीएफ की क्राइम ब्रांच के टारगेट पर हैं। इनमें से तीन कुली टिकट दलाली के मामले में जेल भी जा चुके हैं। आरपीएफ क्त्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने कुल 13 टिकट ब्रोकर्स को पकड़ा गया। उनसे पूछताछ में पता चला कि सबसे अधिक टिकटों की दलाली ऑनलाइन टिकट बुक कर हो रही है। तत्काल विंडो टिकट भी बनवाने में मुंहमांगी कीमत वसूली जाती है।

13 रेल टिकट ब्रोकर्स इस वर्ष कानपुर से पकड़े गए

6 बड़े रेल टिकट ब्रोकर्स पर आरपीएफ की क्त्राइम ब्रांच की नजरं

3 दिनों में सिटी के तीन ट्रैवल्स व कैफे में मारे गए छापे

157 लोग टिकट दलाली में पूरे एनसीआर रीजन में पकड़े गए

90 लाख रुपए की ई टिकट पूरे एनसीआर रीजन में पकड़ी गई

8 लाख रुपए की जाली रेल टिकट भी पकड़ी गई है

20 लाख रुपए से अ िधक ई-टिकट सिर्फ कानपुर में इस वर्ष पकड़ी गई

8 सितंबर को रिजर्वेशन हॉल से एक ब्रोकर पकड़ा गया

24 जुलाई को कैंट साइड एक ट्रैवल्स से एक ब्रोकर पकड़ा गया

19 जून को मीरपुर से एक कैफे संचालक रेल टिकट दलाली में पकड़ा गया

10 जून को घंटाघर साइड एक टेलीकॉम से एक ब्रोकर पकड़ा गया

28 मई को फेथफुलगंज से एक ब्रोकर ई- िटकटों के साथ पकड़ा गया

----

रेल टिकट दलाली में सक्रिय आधा दर्जन बड़े ब्रोकर्स की लिस्ट तैयार कर उनको फॉलो किया जा रहा है। साथ ही रेल टिकट दलाली में पहले जेल जा चुके ब्रोकर्स पर भी निगाह है कि वह वर्तमान में क्या कर रहे हैं।

अर्जुन यादव, इंस्पेक्टर, आरपीएफ क्त्राइम ब्रांच