कानपुर (ब्यूरो) उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बीते दिनों हुई एग्जाम कमेटी की मीटिंग में सिटी के तीन स्कूलों को डिबार किया है। डिबार होने वाले स्कूलों में जेएस इंटर कालेज रविदासपुर, खालसा गल्र्स इंटर कालेज गोविंद नगर और राजमाता इंटर कालेज हरदेव नगर हैैं। डिबार घोषित किए जाने का आर्डर मिलते ही डीआईओएस ने स्कूल मैनेजरों को डिबार करने का लेटर जारी कर दिया है। अब यह तीनों स्कूल लाइफटाइम कॉम्पटीशंस के एग्जाम में सेंटर नहीं बनेंगे।
8 सॉल्वर पकड़े थे
26 मार्च को यूपीएसएससी की ओर से सिटी में सम्मिलित तकनीकी सेवा सामान्य चयन परीक्षा-2016 कराई गई थी। हनुमंत विहार क्षेत्र के अर्रा रोड स्थित चित्रा डिग्री कालेज में बने सेंटर पर आठ साल्वरों को क्राइम ब्रांच और पुलिस ने पकड़ा था। पुलिस की जांच में कालेज के डिप्टी मैनेजरकी संलिप्तता पाई गई। डीआईओएस डा। फतेह बहादुर सिंह ने टीम से जांच कराकर रिपोर्ट और डिबार करने का संस्तुति पत्र बोर्ड को भेज दिया है। बोर्ड की एग्जाम कमेटी अगर स्कूल को डिबार घोषित कर देती है तो यहां भी लाइफटाइम कॉम्पटीशन का एग्जाम नहीं हो पाएगा। वहीं 14 मई को होने वाले पीसीएस के एग्जाम के लिए 120 सेंटर बनाए गए हैैं, जिसमें चित्रा डिग्री कालेज को शामिल नहीं किया गया है।
एसटीएफ की रिपोर्ट
तीनों स्कूलों को एसटीएफ की रिपोर्ट पर डिबार किया गया है। एसटीएफ की रिपोर्ट में नकल कराने में स्कूल की संलिप्तता पाई गई है। बताया जा रहा है कि पुलिस, डीआईओएस और प्रशासन की टीम सिटी के अन्य एग्जाम में सेंटर बनने वाले स्कूलों की जांच कर रही है। इनमें कई इंटर और डिग्री कालेज हैैं। चीटिंग की घटनाएं बढऩे के बाद ऑनलाइन एग्जाम सेंटरों के संचालकों ने भी कई चरणों में वेरिफिकेशन के बाद कैंडीडेट्स को सेंटर में एंट्री करना स्टार्ट की है।
बोर्ड परीक्षा में गिर सकती है गाज
डिबार हुए सेंटरों पर बोर्ड एग्जामिनेशन में भी सेंटर बनाए जाने पर गाज गिर सकती है। बताया जा रहा है कि एजूकेशन डिपार्टमेंट्स के आफिसर्स ने एक मीटिंग में तय किया है कि डिबार किए गए सेंटरों को बोर्ड परीक्षा में भी सेंटर नहीं बनाया जाएगा। हालांकि इस बात की अभी अधिकृत घोषणा नहीं हुई है।कोट
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने तीन सेंटरो को डिबार किया है। इसके अलावा चित्रा डिग्री कॉलेज को डिबार करने के लिए बोर्ड को लेटर भेजा गया है। डिबार किए गए सेंटर लाइफटाइम कॉम्पटीशन एग्जाम्स में सेंटर नहीं बन पाएंगे।
डॉ। फतेह बहादुर सिंह, डीआईओएस