कानपुर (ब्यूरो) केडीए ने करीब दस साल पहले पनकी रतनपुर के पास शताब्दी नगर योजना बसायी है। कई फेज में योजना बसायी गई है। यहां पर भूखंड के साथ ही दस हजार फ्लैट का निर्माण भी कराया गया है, यहां बीस हजार से अधिक आबादी रहती है। इसके बावजूद यहां पर विकास नहीं किया गया है। फेज-1 व फेज-2 में जगह-जगह गंदगी, रोड पर जलभराव, सीवर चोक की समस्या आज भी बनी हुई है.यहां के लोग कई बार केडीए और नगर निगम के अधिकारियों को शिकायत दर्ज करवा चुके हैं। लेकिन कोई भी विभाग यहां के हालात सुधारने को तैयार नहीं है।
अब तक हैंडओवर नहीं
केडीए शताब्दी नगर योजना को नगर निगम को सौंपने की तैयारी पिछले साल से कर रहा है, लेकिन अब तक उसे हैंडओवर नहीं किया गया है। जिससे फेज-1 और फेज-2 के रहने वाले लोगों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी सुमित कुमार ने बताया कि पिछले कई सालों से यहां रहे हैं, जिसका नगर निगम को हाउस टैक्स भी देते हैं, बावजूद इसके यहां पर गंदगी और सीवर चोक की समस्या बनी हुई है। घर से निकलना दुश्वार हो गया है।
स्थानीय लोग कर रहे सवाल
हाउस टैक्स तो पूरा वसूला जाता है, फिर सुविधा नहीं?
यही हाल देखना था तो केडीए और प्राइवेट योजनाओं में क्या फर्क?
कई बार शिकायत की गई, फिर भी निस्तारण क्यों नहीं?
आखिर कब तक निकलेगा समस्या का हल?
क्यों विभाग इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं?
कोट
शताब्दी नगर में कई जगह सीवर लाइन नहीं पड़ी है, लीकेज की समस्या रहती है। जलनिगम को लाइन बिछाना था, लेकिन अब तक इसमें उन्होंने कुछ किया नहीं है। जिसे लेकर अब जलनिगम को लेटर लिखा गया है कि इस समस्या को दूर किया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
अरविंद सिंह, वीसी, केडीए
कोट
शताब्दी नगर को नगर निगम के हैंडओवर नहीं किया गया है। जिस वजह से वहां पर गंदगी को लेकर अक्सर समस्या बनी रहती है। हालांकि कुछ जगहों पर नगर निगम के सफाईकर्मी सफाई करते हैं, ताकि व्यवस्था दुरुस्त रहे।
अरविंद यादव, जेडएसओ जोन-5 नगर निगम
क्या बोले पार्षद
शताब्दी नगर केडीए के पास है, नगर निगम को अबतक हैंडओवर नहीं की गई है। यहां पर लगभग बीस हजार आबादी है। यहां पर सीवर चोक से लेकर अन्य कई समस्याएं हैं। कई बार शिकायत की गई है, लेकिन आजतक कोई हल नहीं निकाला गया है।
सुशील अवस्थी, पार्षद वार्ड-50
क्या बोल लोग
साल 2014 से यहां पर रह रहा हूं। शुरूआती दिनों में कुछ जगहों पर सड़क बनाई गई थी, जो अब पूरी तरह से खत्म हो गई है। घर के सामने गड्ढे बने रहते हैं और धूल उड़ती रहती है।
राजकुमार
2008 में केडीए की तरफ से प्लॉट अलॉट करवाया था, इसके बाद से यहां रहना शुरू कर दिया। नालियां पूरी तरह से जाम हैं, और जहां ठीक भी है वहां लोगों ने दूर से ही रोक लगा दी है।
पंकज सिंह
नालियों का पानी बह कर घर के सामने जमा हो जाता है। कई बार नगर निगम कंट्रोल रूम से लेकर ट्विटर अकाउंट पर शिकायत दर्ज करवा चुका हूं, लेकिन कोई हल नहीं निकलता है।
हरिओम