- शहर में 641 जर्जर भवन गिराऊ की श्रेणी में, बारिश कभी भी बन सकती है इन बिल्डिंग्स में रहने वालों के लिए बड़ी मुसीबत
- नगर निगम मालिकों को सिर्फ नोटिस भेजने की कर रहा फॉर्मेलिटी, बीते सालों में जर्जर मकानों के ढहने से जा चुकी हैं कई जानें
KANPUR : मॉनसून के वक्त हर साल सिटी में गिराऊ भवनों रह रहे हजारों लोगों के सिर पर मौत लटक रही होती है, लेकिन विभागीय जिम्मेदार नोटिस भेजकर खानापूर्ति कर लेते हैं। हादसा होने के बाद ही विभाग कार्रवाई में जुटते हैं। नगर निगम रिकार्ड के मुताबिक सिटी में गिराऊ और जर्जर भवनों की संख्या 641 से ज्यादा है। ये इमारतें कभी भी बारिश में गिर सकती है और इसमें रहने वाले लोग काल के गाल में समा सकते हैं। पिछले साल एक जर्जर बिल्डिंग गिरने से एक वृद्घा की जान भी जा चुकी है।
आती हैं सैकड़ों अप्लीकेशन
मानसून की शुरुआत से पहले ही नगर निगम में 500 से ज्यादा अप्लीकेशन जर्जर बिल्डिंग को गिराने के लिए आती हैं। इस पर कार्रवाई के नाम पर जोनल अधिकारी नोटिस देकर खानापूर्ति कर लेते हैं। इस बार भी नगर निगम 100 से ज्यादा जर्जर भवनों को खुद से गिराने और खाली करने की नोटिस जारी कर चुका है।
5 साल में 10 बिल्डिंग गिराई
नगर निगम के जोनल अधिकारियों ने पिछले 5 सालों में 10 गिराऊ भवनों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें गिराया है। जबकि हालसी रोड, शारदा नगर, मनीराम बगिया, कुलीबाजार के अलावा कई हादसों में लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
सिर्फ चिन्हित करना है काम
नगर निगम ऑफिसर्स के मुताबिक नगर निगम सिर्फजोन में जर्जर भवनों को चिन्हित करने काम करता है। नगर निगम अगर बिल्डिंग गिराता है तो गिराने का खर्च मकान मालिक को ही देना होता है। वहीं सिटी में 157 जर्जर भवन ऐसे हैं, जिनका मकान मालिक और किराएदारी को लेकर कोर्ट में केस चल रहे हैैं। जबकि फैसले के इंतजार में कई जर्जर भवन गिर भी चुके हैं।
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यहां गिराऊ भवन ज्यादा
बंदरिया हाता, लाटूश रोड, चमनगंज, फहीमाबाद, भन्नानापुरवा, चटाई मोहाल, नयागंज, मनीराम बगिया, टोपी बाजार, मछलीबाजार,
नौघड़ा, बांसमंडी, जवाहर नगर, नेहरू नगर, अनवरगंज, बेकनगंज, कछियाना, हरबंशमोहाल, लक्ष्मीपुरवा, लाठीमोहाल, सिरकीमोहाल
आदि।
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जोनवाइस गिराऊ भवनों की संख्या
जोन संख्या
1 312
2 6
3 40
4 232
5 13
6 21
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कुछ मुख्य आंकड़े
- ईयर 2017-18 में 467 जर्जर भवन मौजूद थे
- ईयर 2018-19 में 174 जर्जर भवनों की संख्या बढ़ी
- सिटी में अब जर्जर भवनों की संख्या बढ़कर हुई 641
- जोन-1 में सबसे ज्यादा 312 गिराऊ भवन हैं
- जोन-4 में 232 जर्जर भवन मौजूद हैं
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'' गिराऊ और जर्जर भवनों को नोटिस दी जा रही है। जिनके मामले कोर्ट में पेंडिंग हैं, उनमें नगर निगम दखल नहीं दे सकता है।
लेकिन विवादित न होने पर अन्य जर्जर भवनों पर कार्यवाई की जाएगी.''
-अक्षय त्रिपाठी, नगर आयुक्त।