- हैलट हॉस्पिटल में एंटीबायोटिक खत्म होने की कगार पर, आज ऑर्डर दें तो भी 1 महीने से ज्यादा का समय लगेगा

- इस साल नहीं हुई खरीद, अस्पताल प्रशासन ने 60 बेहद जरूरी दवाओं की तत्काल खरीद के लिए शासन को भेजा पत्र

KANPUR: एलएलआर हॉस्पिटल में दवाओं का संकट गहरा गया है। जरूरी एंटीबायोटिक दवाओं की किल्लत का असर मरीजों के इलाज पर भी दिखने लगा है। आईसीयू में पेशेंट्स के लिए जरूरी कई अहम एंटीबायोटिक इंजेक्शन खत्म होने की कगार पर है, लेकिन दवाओं की खरीद की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही है। अगर यही हालत रही तो कुछ ही दिनों में कई जरूरी दवाएं पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी। जिससे इलाज का संकट गहरा सकता है। अस्पताल में दवाओं की इस किल्लत का मसला अब शासन तक पहुंच चुका है। अपर मुख्य सचिव मेडिकल एजुकेशन ने खुद इस मामले में यूपी मेडिकल सप्लाइज कार्पोरेशन से बात करने के लिए कहा है।

ऑक्सीजन में जा रहा बजट

एलएलआर हॉस्पिटल में इस साल नई दवाओं की खरीद हो ही नहीं सकी है। दवाओं की मद में आने वाला ज्यादातर बजट ऑक्सीजन में जा रहा है। लॉकडाउन से पहले पिछले फाइनेंशियल की बची हुई रकम से दवाओं की खरीद की गई थी। इसके ठीक बाद कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लग गया। इस बीच जो दवाएं उपलब्ध थी ज्यादा पेशेंट्स नहीं आने की वह से उन्हीं से काम चलाया गया। इस दौरान जान बचाने के लिए जरूरी कई अहम एंटीबायोटिक दवाओं की लगातार कमी होने लगी।

यह दवाएं खत्म होने के कगार पर

मेरोपेनम,टेजोबेक्टम, सफ्रेक्जाजोन, एमोक्सिलिन, डॉक्सीसाइक्लिन जैसे इंजेक्टेबल ड्रग्स का स्टॉक बेहद कम बचा है। इन दवाओं का क्रिटिकल पेशेंट्स के ट्रीटमेंट यूज किया जाता है।

सप्लाई कार्पोरेशन एमडी संग मीटिंग

ट्यूजडे को मेडिकल कालेज के अधिकारियों के साथ हुई अपर मुख्य सचिव की वीडियो कांफ्रेसिंग में भी दवाओं की किल्लत का मसला उठा। अपर मुख्य सचिव डॉ। रजनीश दुबे ने दवाओं की सप्लाई में आ रही दिक्कतों के बाबत यूपी मेडिकल सप्लाइज कार्पोरेशन के एमडी के साथ मीटिंग करने की बात की। जिसमें दवा की क्वालिटी और उसकी सप्लाई से जुड़ी दिक्कतों पर बात की जाएगी।

दवाओं की किल्लत की जानकारी शासन को दे दी गई है। वहां से जल्द दवाओं की सप्लाई सुनिश्चित कराने का आश्वासन मिला है। जरूरी दवाओं की किल्लत नहीं होने देंगे।

- प्रो। आरबी कमल, प्रिंसिपल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज