-कॉर्डियोलॉजी से 30 मीटर दूर ऑक्सीजन प्लांट के बगल में लगा दिया है जेनरेटर, एक चिंगारी बन सकी है मुसीबत
KANPUR: कॉर्डियोलॉजी में फायर सेफ्टी को लेकर इस कदर लापरवाही बरती गई हैं कि सैकड़ों लोगों की जान एक झटके में चली जाए। जिस बिल्डिंग में आग लगी है उससे 30 मीटर की दूरी पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगा है। इस प्लांट में 10 हजार लीटर लिक्विड ऑक्सीजन हमेशा रहती है। ठीक इसके बगल में खुले में जेनरेटर रख दिया गया है। इसे चलाने के लिए हजारों लीटर डीजल भी खुले में रखा जाता है। जबकि लिक्विड ऑक्सीजन बेहद ज्वलनशील होती है।
रेजिडेंट्स ने की थी आपत्ति
प्लांट के बगल में जेनरेटर रखने को लेकर बिल्डिंग के पीछे रहने वाले डॉक्टर्स ने इसको लेकर आपत्ति भी जताई थी। लेकिन बावजूद इसके नियमों को दरकिनार कर जेनसेट वहां खुले में रख दिया गया। वहीं गर्मियों में जेनरेटर चलने से पैदा होने वाली हीट भी काफी खतरनाक होती है। पास में ही जेनरेटर के यूज के लिए हजारों लीटर डीजल भी खुले में रख दिया जाता है। एक चिंगारी भी यहां भीषण हादसे को जन्म दे सकती है। अगर ऑक्सीजन प्लांट में आग लगी तो 500 मीटर दायरे में बड़ा नुकसान हो सकता है।
मिल गया एक्सप्लोसिव लाइसेंस
लिक्विड ऑक्सीजन बेहद ज्वलनशील होती है। ऐसे में इस प्लांट के लिए एक्सप्लोसिव लाइसेंस लेना पड़ता है। पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन द्वारा लाइसेंस जारी किया जाता है। इतनी बड़ी लापरवाही के बावजूद ऑक्सीजन प्लांट के लिए लाइसेंस जारी कर दिया गया। जबकि कमियों को दूर किए जाने के बाद लाइसेंस जारी किया जाना चाहिए था।