कानपुर(ब्यूरो)। कोहरे की वजह से जहां पैसेंजर्स का ट्रेनों की लेटलतीफी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं रिडेवलपमेंट व मेंटीनेंस वर्क की वजह से डायवर्ट चल रही एक दर्जन से अधिक ट्रेनों की बिगड़ी चाल ने पैसेंजर्स को परेशान कर रखा है। इन ट्रेनों की लोकेशन न तो एप के माध्यम से पैसेंजर्स को मिल पा रही है और न की कंट्रोल रूम हेल्प नंबर 139 से सही जवाब मिल रहा है। लिहाजा पैसेंजर्स को घंटों प्लेटफार्म पर अपनी ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है।
दोपहर की ट्रेन रात में आई
यशोदानगर निवासी अखिल ने बताया कि सैटरडे को उनका राप्ती सागर एक्सप्रेस में रिजर्वेशन था। ट्रेन के निर्धारित समय पर वह कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंच गए। ट्रेन दोपहर डेढ़ के बजे के लगभग थी। दोपहर तीन बजे के बाद भी जब ट्रेन नहीं आई तो उन्होंने अपने मोबाइल में रेलवे के एप के माध्यम से ट्रेन की लोकेशन व लेट लतीफी का सही टाइम जानने की कोशिश की तो उसमें सिर्फ ट्रेन डायवर्ट शो कर रहा था। ट्रेन की लोकेशन की जानकारी नहीं दे रहा था। उन्होंने इसके बाद रेलवे के कंट्रोल रूम नंबर 139 पर कॉल किया वहां से भी सही जानकारी नहीं मिली। जिसके बाद वह पूछताछ विंडो में गए। वहां से भी उनको सही जानकारी नहीं मिली। ट्रेन पांच बजे के बाद आई। इस दौरान उनको विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ा। यह समस्या सिर्फ अखिल को ही नहीं सेंट्रल स्टेशन से ट्रेन में चढऩे वाले दर्जनों पैसेंजर्स को फेस करनी पड़ी।
ट्रेन छूटने के डर से लौटे भी नहीं
डायवर्ट व स्पेशल ट्रेनों की लोकेशन एप व इंक्वायरी आफिस से पैसेंजर्स को न मिलने की वजह से पैसेंजर्स के सामने ट्रेन छूट जाने का भी कंफ्यूजन रहता है। लिहाजा ट्रेन कई घंटे लेट होने के बावजूद भी पैसेंजर्स प्लेटफार्म छोड़ कर कहीं जा नहीं सकता है। पल-पल उसको अपनी ट्रेन का इंतजार रहता है। ट्रेनों की लेटलतीफी की शिकायतों की भी लाइन इन दिनों रेलवे के सोशल मीडिया में लगी हुई है।