कानपुर(ब्यूरो)। फ्राईडे को विकास भवन में आवास आवंटन के नाम पर ठगी करने वाला फर्जी डूडाकर्मी योगेन्द्र ङ्क्षसह यादव पकड़ा गया है। वह अपने बैग में ही पूरा कार्यालय साथ लेकर चलता था। फर्जी नाम वाली गरीब आसरा आवास योजना के मकान आवंटन का झांसा देकर उसने शहर के सैकड़ों गरीबों से लाखों रुपये ऐंठ लिए। परियोजना अधिकारी डूडा तेज कुमार ने पकड़े गए ठग योगेन्द्र को नवाबगंज पुलिस के हवाले कर दिया है। वह शहर के लालबंगला क्षेत्र का निवासी है। मौके से उसका साथी राजेश गुप्ता भागने में कामयाब रहा। थाने पहुंचे विधायक महेश त्रिवेदी ने आरोपी से कान पकड़वाएं।

कलेक्ट कर रहा था रुपये
विकास भवन में शुक्रवार दोपहर डूडा कार्यालय के बाहर कुछ लाभार्थियों को साथ लेकर पहुंचा योगेन्द्र उनसे आवास आवंटन से पहले पैसे जमा करने को कह रहा था। पैसे खुद जमा करने के लिए एकत्र कर रहा था। इसकी शिकायत कुछ लोगों ने डूडा के क्लर्क से की। क्लर्क ने डूडा के परियोजना अधिकारी को जानकारी दी और उसे मौके से ही पकड़ लिया गया। तलाशी लेने पर बैग से तीन अधिकारियों के नाम की फर्जी मोहर, गरीब आसरा आवास योजना के आवंटन व आवेदन पत्र, एसबीआई में जमा की रसीदें, सैकड़ों आधार व पैन कार्ड बरामद किए। परियोजना अधिकारी ने डीएम को सूचना दी तो डीएम ऑफिस से पुलिस को बताया। नवाबगंज पुलिस ने मौके पर पहुंचकर योगेन्द्र ङ्क्षसह यादव को हिरासत में ले लिया। पीओ डूडा ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी है।

विकास भवन में सक्रिय है पूरा गैंग
योगेन्द्र के पास से तलाशी में लगभग 50 लोगों को आवास आवंटन के नाम पर दो से ढाई लाख रुपये वसूले जाने का हिसाब-किताब भी डायरी में मिला है। नवाबगंज थाना प्रभारी प्रमोद कुमार व सिपाही ने उससे पूछताछ की तो उसने 15 हजार रुपये प्रति आवास दिलाने की बात बताई। कहा कि असली आदमी राजेश गुप्ता है जो फरार हो गया। वह तो उसका बैग लेकर बैठा था। दूसरी ओर विकास भवन में यह भी चर्चा रही कि ठगों का पूरा गैंग है जो विकास भवन में सक्रिय है।