कानपुर (ब्यूरो) एकेटीयू के कॉलेजों को पूर्वांचल, पश्चिमांचल और मध्यांचल में बांटा जाएगा। पूर्वांचल के कॉलेज मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एमएमटीयू), पश्चिमांचल के कॉलेज एचबीटीयू और मध्यांचल के कॉलेजों को एकेटीयू से जोड़ा जाएगा। इसके बाद एकेटीयू का वर्कलोड कम होगा।
एचबीटीयू की इनकम बढ़ेगी
2016 में एचबीटीआई से एचबीटीयू बनने के बाद से यहां इंजीनियरिंग की स्टडी करने वाले स्टूडेंट्स से मिलने वाली फीस के अलावा यूनिवर्सिटी की कोई अतिरिक्त इनकम नहीं थी। यहां से कॉलेजों को एफिलिएशन मिलने के बाद एचबीटीयू की इनकम बढ़ेगी। नए कॉलेजों को एफिलिएशन देने के नाम पर एक कॉलेज से मिनिमम 10 लाख रुपए फीस ली जाती है। इसके अलावा एडमिशन और एग्जाम के समय भी यूनिवर्सिटी की बेहतर इनकम हो जाती है। इनकम बढऩे से एचबीटीयू में इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टार्टअप को फंडिंग, लैैब और न्यू बिल्ंिडग का कंस्ट्रक्शन समेत कई काम हो सकेंगे।
14 ब्रांच में इंजीनियरिंग
एचबीटीयू में 14 ब्रांचों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराई जाती है, जिसमें बीटेक, एमटेक और पीएचडी भी शामिल है। इसके अलावा मैनेजमेंट के एरिया में बीबीए और एमबीए कोर्स चलते हैैं। इसके अलावा कम फीस में स्टूडेंट्स को एक्सपर्ट बनाने के लिए फिजिक्स और मैथ्स समेत कई सब्जेक्ट्स में एमएससी कोर्स भी चलता है।
एचबीटीयू की शान हैैं दो कैंपस
एचबीटीयू कैंपस सिटी में दो जगहों पर हैैं। ईस्ट या मेन कैंपस नवाबगंज में सीएसए के सामने है। इस जगह पर वीसी ऑफिस, एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग, डिपार्टमेंट्स, एकेडमिक ब्लाक, हॉस्टल और स्टार्टअप सेल आदि हैैं। वहीं दूसरा कैंपस विकास नगर में हैैं, जिसको वेस्ट कैंपस कहा जाता है। यहां पर शताब्दी भवन सभागार, हॉस्टल और आफिसर्स के हाउस हैैं।
किस जोन में आएंगे कौन से मंडल
-मध्यांचल (एकेटीयू) - लखनऊ, मुरादाबाद, सहारनपुर, बरेली, प्रयागराज और अयोध्या।
-पश्चिमांचल (एचबीटीयू) - कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी, मेरठ और चित्रकूट।
-पूर्वांचल (एमएमटीयू) - गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, देवीपाटन, वाराणसी, मिर्जापुर और विंध्याचल।
एचबीटीयू से कॉलेजों का एफिलिएशन होने से इनकम बढऩे के साथ साथ हमारा दायरा भी बढ़ेगा। लगभग 250-300 कॉलेज हमारे पास आ सकते हैैं। इसका लाभ स्टूडेंट्स को ही मिलेगा। इसके अलावा यूनिवर्सिटी का काम बढ़ेगा, जिसके लिए हम रेडी है। शासन स्तर पर बातचीत चल रही है। जल्द ही प्रोसिडिंग भी स्टार्ट हो जाएगी।
प्रो। सुधीर कुमार शर्मा, रजिस्ट्रार, एचबीटीयू