कानपुर (ब्यूरो)। Kanpur Heatwave: भीषण गर्मी ने जहां पुराने दिल के मरीजों की समस्या बढ़ दी है। वहीं ऐसी गर्मी में फील्ड वर्क से जुड़े युवाओं के दिल भी फेल हो रहे है। यह हम नहीं बल्कि कॉडियोलॉजी हॉस्पिटल की ओपीडी में पहुंच रहे नए हार्ट अटैक के केसों की संख्या बया कर रही है। इस दिनों भीषण गर्मी की वजह से डेली 6 से 8 नए हार्ट अटैक के पेशेंट सामने आ रहे है। जिसमें से युवाओं की संख्या अधिक है। संडे को 6 नए युवा पेशेंट को एंजियोग्राफी के लिए भर्ती किया गया है।

डिहाइड्रेशन को हल्के में न लें

कॉडियोलॉजी हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन डॉ। नीरज कुमार ने बताया कि ऐसी गर्मी में डिहाइडे्रशन भी दिल के लिए खतरा बन सकता है। लिहाजा डिहाइड्रेशन को भी ऐसे मौसम में हल्के में नहीं लेना चाहिए। डिहाइड्रेशन की वजह से शरीर में पानी के साथ ब्लड की मात्रा भी कम हो जाती है। वहीं पानी की शरीर में कमी होने की वजह से ब्लड भी गाढ़ा हो जाता है। जिससे हार्ट अटैक पडऩे का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में जो हार्ट अटैक के केस आ रहे हैं, वह इन लक्षणों के साथ ही आ रहे हैं।

8 परेशेंट में 6 पेशेंट युवा

डॉ। नीरज कुमार ने बताया कि संडे को कॉडियोलॉजी हॉस्पिटल में हार्ट अटैक आठ नए पेशेंट्स को एंजियोग्राफी के लिए भर्ती किया गया। जिसमें से 6 पेशेंट की उम्र 30 से 50 के बीच है। उन्होंने बताया कि एक्सट्रीम टम्प्रेचर में दिल को खतरा बढ़ जाता है। फिर चाहे वह अधिक ठंड हो या फिर गर्मी, एक्सट्रीम टेम्प्रेचर में दिल का अधिक ख्याल रखने की जरूरत होती है। जरा ही लापरवाही पेशेंट के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है।

जूस, कोल्ड ड्रिंक छोड़ शुद्ध पानी पिएं

गर्मी के मौसम में स्वाद के साथ आत्मा को ठंडा करने लिए लोग मार्केट में धूप से आने के बाद तुरंत जूस, कोल्ड ड्रिंक व अधिक शुगर वाले प्रोडक्ट का यूज करते हैं। जोकि खतरनाक होते हैं। उन्होंने बताया कि अधिक शुगर वाले प्रोडक्ट का यूज करने से वह मनुष्य के शरीर के पानी को खींचता है। वहीं शरीर का बचा हुआ थोड़ा बहुत पानी टॉयलेट के रास्ते बाहर चला जाता है। जिससे शरीर का खून गाढ़ा हो जाता है और वह आपके हार्ट में प्रेशर डाल कर अधिक काम करने को मजबूर कर देता है। जिसकी वजह से कमजोर दिल फेल हो जाते हैं।

शरीर में गर्मी का पड़ा ऐसे असर

- डिहाइड्रेशन से शरीर में ब्लड की मात्रा कम हो जाती है

- पानी की मात्रा कम होने से खून गाढ़ा भी हो जाता है

- टेम्प्रेचर अधिक होने पर नसें फैल जाती है, बीपी लो हो जाता है

- ऊपर लिखी तीनों क्रिया की वजह से हार्ट को अधिक काम करना पड़ता है

- जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है

इन बातों का रखें ध्यान

- घर से इमरजेंसी पडऩे पर ही दोपहर में बाहर निकलें

- घर से निकलते समय पानी की बोतल व छाता साथ रखें

- सीधी धूप से बचें, सिर और हाथ पैरों को ढककर निकलें

- जूस, कोल्ड ड्रिंक की अपेक्षा साफ शुद्ध पानी पीते रहें

- एनर्जी के लिए ग्लूकोज डालकर पानी ले सकते है

-खीरा, ककड़ी व अत्यधिक पानी वाले फल का सेवन करें

- दिक्कत होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें

यह हैं लक्षण

- चेस्ट में तेज पेन होना

- घबराहट, उलझन होना

- बेहोश होकर गिरना

- चक्कर आना, सांस फूलना

- अधिक पसीना निकलना

वर्तमान में गर्मी बहुत अधिक है। इस टेम्परेचर में दिल का खतरा बढ़ जाता है। भीषण गर्मी की वजह से युवा दिल भी मात खा रहे है। ओपीडी में डेली 8 से अधिक नए पेशेंट आ रहे हैं। जिसमें युवाओं की संख्या अधिक है। संडे को आठ मरीजों को एंजियोग्राफी के लिए भर्ती किया गया है।

प्रो। डॉ। नीरज कुमार, कार्डियक सर्जन, कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल