- आईआईटी प्रो। राजेश रंजन और महेंद्र वर्मा के मैथमेटिकल मॉडल के प्रिडिक्शन
- सेकेंड वेव के मुकाबले ज्यादा केसेस मिलने की संभावना, सितंबर में आ सकती पीक
KANPUR: कोरोना वायरस की थर्ड वेव को लेकर आईआईटी कानपुर की ओर से एक और मैथमेटिकल मॉडल के जरिए तीन प्रमुख संभावनाएं जताई गई हैं। प्रो.राजेश रंजन और महेंद्र वर्मा की ओर से तैयार किए गए इस मॉडल के मुताबिक सेकेंड वेव के मुकाबले थर्ड वेव छोटी रह सकती है, लेकिन इसमें ज्यादा लोग संक्रमित हो सकते हैं। इसका पीक सितंबर में आ सकता है। दोनों सीनियर फैकल्टी मेंबर्स की ओर से इसे लेकर एक वेबसाइट भी डेवलप की गई है। जिसमें डिस्ट्रिक्ट वाइस सेकेंड वेव को लेकर सभी अहम स्टेटिस्टिक्स माैजूद हैं।
तीन तरह की संभावनाएं
इस स्टडी के मुताबिक भारत में सेकेंड वेव में केस फेटैलिटी रेट (केस मृत्यु दर)) बढ़ कर 3.5 परसेंट हो गई है। इस मैथमेटिकल मॉडल में सेकेंड वेव के डाटा के आधार पर ही थर्ड वेव को लेकर तीन तरह की संभावनाएं जताई गई हैं। यह तीनों संभावनाएं अगर 15 जुलाई तक सभी तरह के रिस्ट्रिक्शंस खत्म हो जाते हैं, उस पर आधारित है। हालांकि इसमें वैक्सीनेशन का क्या प्रभाव रहेगा। लोगों में कितनी हर्ड इम्यूनिटी बनेगी इसके आधार पर गणना नहीं की गई है। साथ ही वायरस के म्यूटेट होने या रिप्रोडक्शन नंबर के बढ़ने पर केसेस में क्या असर रहेगा। इसे भी मॉडल तैयार करने में शामिल नहीं किया गया है।
तीसरी वेव तीन प्रिडिक्शन-
1. अक्टूबर में तीसरी लहर उच्च स्तर पर होगी, लेकिन दूसरी लहर की तुलना में पीक कम
2. वायरस म्यूटेट किया तो पीक सेकेंड वेव के मुकाबले ज्यादा और जल्दी सितंबर में आ जाए।
3. तीसरी लहर की पीक को अक्टूबर के अंत तक सख्त सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कम किया जा सके।
वैक्सीनेशन से मिल सकती है मदद
प्रो। राजेश रंजन जानकारी देते हैं कि थर्ड वेव में वैक्सीनेशन वायरस के ट्रांसमिशन को तोड़ने में अहम भूमिका निभा सकता है। उनके तैयार किए गए मॉडल में टीकाकरण को शामिल नहंी किया गया, लेकिन उसकी वजह से पीक में कमी आने की संभावना है। साथ ही वैक्सीनेशन के साथ नए मैथमेटिकल मॉडल को लेकर भी अभी काम किया जा रहा है।